Loksabha Election 2024: जानिए आगरा लोकसभा सीट का इतिहास, ताजनगरी में किस पार्टी का चमकेगा सिक्का ?

Edited By Imran,Updated: 28 Mar, 2024 03:41 PM

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उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक आगरा लोकसभा सीट है। ताज नगरी के नाम से मशहूर यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और प्रदेश की 17 सुरक्षित लोकसभा सीटों में से एक है।

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक आगरा लोकसभा सीट है। ताज नगरी के नाम से मशहूर यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और प्रदेश की 17 सुरक्षित लोकसभा सीटों में से एक है। पहले लोकसभा चुनाव से लेकर साल 1971 तक जितने भी चुनाव हुए। सभी चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली या यूं कहें तो एक समय पर यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन आपातकाल के बाद देश में कांग्रेस विरोधी लहर चली और चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय लोकदल ने यहां पर जीत दर्ज की। 
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हालांकि साल 1980 और 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की लेकिन उसके बाद से जितने भी चुनाव हुए उन सभी में कांग्रेस को हार का ही सामना करना पड़ा। साल 1989 में जनता दल ने इस सीट पर कब्जा किया। 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी का इस सीट पर कब्जा रहा। 1999 और 2004 में बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर यहां से चुनाव जीता। जिसके बाद 2009 और 2014 में हुए चुनावों में यह सीट बीजेपी के खाते में गई और रामशंकर कठेरिया यहां से चुनाव जीते। जिसके बाद 2019 में भाजपा ने यहां से एस पी बघेल को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने बड़े अंतर से यहां से जीत हासिल की। 

आपको बता दें कि आगरा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें आगरा जिले की एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर और एटा जिले की जलेसर विधानसभा सीट शामिल हैं।
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अगर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो आगरा लोकसभा की सभी पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था और कुछ ऐसा ही हाल 2017 के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला था। जहां  सभी 5 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था। 

 आगरा में कुल मतदाताओं की संख्या 
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इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में आगरा में कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख 4 हजार 706 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 40 हजार 87, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 64 हजार 522 और ट्रांसजेंडर के कुल 97 मतदाता शामिल हैं। 

नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां से भाजपा ने प्रोफेसर एस पी सिंह बघेल को चुनावी मैदान में उतारा था। एस पी बघेल को कुल 6 लाख 46 हजार 875 वोट मिले थे। और उन्होंने बसपा के मनोज कुमार सोनी को 2 लाख 11 हजार 546 वोटों के भारी अंतर से मात दी थी। बसपा के मनोज कुमार सोनी को कुल 4 लाख 35 हजार 329 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के प्रीता हरित 45 हजार 149 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अब एक नजर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के रामशंकर कठेरिया ने 5 लाख 83 हजार 716 वोट हासिल कर अपना परचम लहराया था तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के नारायण सिंह सुमन 2 लाख 83 हजार 453 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि समाजवादी पार्टी के महाराज सिंह धनगर को 1 लाख 34 हजार 708 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2009 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के रामशंकर कठेरिया ने 2 लाख 3 हजार 697 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। तो वहीं बीएसपी के कुंवर चंद वकील 1 लाख 93 हजार 982 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि सपा के रामजी लाल को 1 लाख 41 हजार 367 वोट मिले थे और वो तीसरे स्थान पर रहे थे।
 
एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2004 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो समाजवादी पार्टी के राज बब्बर ने 2 लाख 43 हजार 94 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी तो वहीं बीजेपी के मुरारी लाल 1 लाख 85 हजार 752 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीएसपी के पंडित केशव प्रसाद दीक्षित को 1 लाख 74 हजार 149 वोट मिले थे और वो तीसरे स्थान पर रहे थे।

वैश्य और दलित वोटरों का वर्चस्व
ताजमहल और पेठे के लिए मशहूर इस चर्चित शहर का मिजाज भी बेहद निराला है। आगरा लोकसभा सीट पर हमेशा से वैश्य और दलित वोटरों का वर्चस्व रहा है। यहां तकरीबन 3 लाख वैश्य मतदाता हैं तो वहीं ढाई लाख से अधिक अनुसूचित जनजाति के वोटर हैं जो किसी भी उम्मीदवार की जीत में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। यहां के मुस्लिम वोटर भी यहां की राजनीति में अच्छी पैठ रखते हैं। आगरा लोकसभा सीट में 37 फीसदी वोटर दलित और मुस्लिम समुदाय से ही हैं। 

भाजपा ने एक बार फिर आगरा की लोकसभा सीट से एसपी सिंह बघेल को चुनावी रण में उतारा है तो वहीं बसपा की ओर से पूजा अमरोही कमान संभालेंगी। सपा- कांग्रेस गठबंधन में आगरा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बता दें की आगरा की लोकसभा सीट पर 7  मई को तीसरे चरण में चुनाव होना है। देखना बेहद रोचक होगा कि क्या इस बार आगरा की जनता विपक्ष को मौका देगी ? या एक बार फिर आगरा में कमल खिलेगा।
 

 

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