बरेलीः बच्ची की देखभाल के लिए पिता ने की थी विधवा से शादी, उसी ने कर दी गला दबाकर हत्या, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Edited By Ajay kumar,Updated: 31 Mar, 2024 02:59 PM

life imprisonment to stepmother for murder of 7 year old girl

पत्नी की मृत्यु के बाद पिता ने अपनी 7 वर्षीय बेटी की देखभाल के लिए विधवा से शादी कर ली। जिस पत्नी को वह बच्ची की देखभाल के लिए घर लेकर आया वही उसका काल बन गई। पति की गैर मौजूदगी में सौतेली मां ने मौका पाकर बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी।

बरेली: पत्नी की मृत्यु के बाद पिता ने अपनी 7 वर्षीय बेटी की देखभाल के लिए विधवा से शादी कर ली। जिस पत्नी को वह बच्ची की देखभाल के लिए घर लेकर आया वही उसका काल बन गई। पति की गैर मौजूदगी में सौतेली मां ने मौका पाकर बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के मामले में सौतेली मां बहेड़ी दौलतपुर निवासी भारती को अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने भारती को शुक्रवार को दोषसिद्ध कर दिया था। 

STEPMOTHER GETS LIFE IMPRISONMENT

दूसरी पत्नी अक्सर बेटी के साथ मारपीट कर उसे रास्ते से हटाने की बात करती थी
सरकारी वकील सुनील पांडेय ने बताया कि ग्राम दौलतपुर निवासी घनश्याम ने 20 जनवरी 2023 को थाना बहेड़ी में तहरीर देकर बताया था कि उनकी पहली पत्नी की मृत्यु चार वर्ष पहले हो चुकी थी, जिससे उनकी बेटी निशी थी। करीब छह माह पहले उसने भारती नाम की महिला से प्रेम विवाह किया था, जो दो बच्चों की मां है। दूसरी पत्नी अक्सर बेटी के साथ मारपीट कर उसे रास्ते से हटाने की बात करती थी। घटना वाले दिन सुबह आठ बजे वह गन्ना छिलाने के लिए खेत पर गए थे। जब घर लौटे तो बेटी विस्तार पर लेटी थी। उनके आवाज लगाने के बाद भी वह नहीं बोली। वह उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटी के गले और सिर पर चोट के निशान थे। उन्होंने भारती पर बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर भारती को जेल भेजा था। कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता ने सात गवाह पेश किए थे।

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बेटी के पिता ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट गांव दौलतपुर का मामला
शासकीय अधिवक्ता ने निशी की हत्यारोपी सौतेली मां भारती को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। भारती ने अदालत को बताया कि उसके पहले पति से छह वर्षीय पुत्र, ढाई वर्ष की पुत्री और एक पुत्री का जन्म कारागार में हुआ है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तीन अबोध बच्चों की मां होने के कारण सिद्ध दोष भारती को मृत्युदंड नहीं दिया जा रहा है। प्रकरण को विरल से विरलतम अपराध की परिधि से परे रखा जा रहा है।

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