कानपुर: व्यापारी की हत्या में फरार आरोपी निरीक्षक समेत 6 पुलिसकर्मियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित

Edited By Ramkesh,Updated: 09 Oct, 2021 07:49 PM

kanpur businessman murder case reward of rs 1 lakh announced on 6 policemen

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कानपुर के एक व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में कथित हत्या के आरोपी एक निरीक्षक (इंस्पेक्टर), तीन उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) और दो आरक्षी (कांस्टेबल) की गिरफ्तारी के लिए सूचना...

कानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कानपुर के एक व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में कथित हत्या के आरोपी एक निरीक्षक (इंस्पेक्टर), तीन उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) और दो आरक्षी (कांस्टेबल) की गिरफ्तारी के लिए सूचना मुहैया कराने पर एक-एक लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। इसके पहले एसआईटी ने सभी छह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी। एसआईटी की सिफारिशों पर कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने शनिवार को सभी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर एक लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है। अरुण ने बताया कि निलंबित फरार पुलिस निरीक्षक अमेठी निवासी जगत नारायण सिंह, उपनिरीक्षक बलिया निवासी अक्षय कुमार मिश्रा, जौनपुर निवासी विजय यादव तथा मिर्जापुर निवासी राहुल दुबे, प्रधान आरक्षी कमलेश सिंह यादव और आरक्षी प्रशांत कुमार (दोनों निवासी गाजीपुर) पर एक-एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की गयी है। उन्होंने कि यदि किसी व्यक्ति को कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में नामजद इन पुलिस कर्मियों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी हो तो वह एसआईटी को सूचित कर सकता है और प्रत्येक गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। अरुण ने कहा कि कानपुर पुलिस आयुक्तालय ने मुखबिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है।

उन्होंने कहा कि फरार पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए एसआईटी को सभी संभावित जगहों पर छापेमारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पूरे उप्र में छापेमारी की जा रही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के व्यापारी की गोरखपुर में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद मौत मामले की जांच केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) से कराने की संस्‍तुति करते हुए केंद्र सरकार को एक अक्टूबर को प्रस्ताव भेजा है। राज्‍य सरकार ने यह भी तय किया है कि जब तक सीबीआई जांच को अपने हाथ में नहीं ले लेती तब तक मामले की जांच कानपुर में स्थानांतरित की जाएगी जहां विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच करेगा।

अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्‍थी ने इस संदर्भ में बताया था कि कानपुर निवासी मनीष गुप्ता की दुखद मृत्यु के प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सीबीआई से जांच कराने की संस्‍तुति भारत सरकार को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई इस प्रकरण की अपनी जांच शुरू करती है, तब तक मामले की जांच गोरखपुर से स्थानांतरित कर कानपुर में विशेष रूप से से गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) के द्वारा की जाएगी। गौरतलब है कि सितंबर के आखिरी हफ्ते में देर रात गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल इलाके में पुलिस ने एक होटल में तलाशी ली थी। आरोप है कि किसी अन्य व्यक्ति के पहचान पत्र के आधार पर होटल के एक कमरे में रुके तीन व्यवसायियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने उन्हें मारा पीटा था। सिर में चोट लगने से उनमें से एक मनीष गुप्ता (36) नामक कारोबारी की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। 

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