Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 Mar, 2024 10:53 PM
यूनाईटेड नेशंस इकॉनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (यूनेस्कैप) के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर के निर्यात तक पहुंचने की क्षमता है।
Lucknow News: यूनाईटेड नेशंस इकॉनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (यूनेस्कैप) के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर के निर्यात तक पहुंचने की क्षमता है। यूनेस्कैप के अनुसार ईकॉमर्स की भूमिका और आर्थिक विकास लाने एवं व्यापार का विस्तार करने में इसके महत्व को देखते हुए एशिया पैसिफिक क्षेत्र का बाजार 2022 में 2.9 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 6.146 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। अध्ययन के मुताबिक 2023 में ऑनलाईन खरीद कुल खरीद की 19.4 प्रतिशत रही। इसी को देखते हुए इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनॉमिक रिलेशंस (इक्रियर) ने यूनेस्कैप के साथ गठबंधन में पहली एशिया पैसिफिक ई-कॉमर्स पॉलिसी समिट का सफल समापन किया।
छोटे उद्यमों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतरने का मिलेगा अवसर
संतोष कुमार सारंगी, एडिशनल सेक्रेटरी एवं डायरेक्टर जनरल, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी), मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ((एमओसीएंडआई), भारत सरकार ने व्यापार नियामकों के बीच एक्सपोर्ट के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखने जाने की जरूरत पर बल दिया। निजी कंपनियों, जैसे एमेज़ॉन एवं डीएचएल के साथ एमओयू करने से छोटे उद्यमों को विस्तृत सेवाएं प्रदान कर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतरने का अवसर मिलेगा। क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट भारत में एक्सपोर्ट की क्षमता एवं इंटीग्रेशन के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित मार्ग प्रदान करता है, जो नियामक अनुकूलन और बुनियादी ढांचे के विकास पर निर्भर है।
एमेज़ॉन में वीपी पेमेंट्स, एशिया पैसिफिक, मिडिल ईस्ट एवं नॉर्थ अफ्रीका और लेटिन अमेरिका, श्री महेंद्र नेरुरकर ने कहा, ‘‘क्रॉस-बॉर्डर भुगतान में ग्राहकों का विश्वास और सुविधा महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए यूपीआई ने पूरी प्रक्रिया को आसान बनाकर मनी ट्रांसफर में परिवर्तन ला दिया है। टेक्नोलॉजी ने कॉमर्स और पेमेंट्स का विस्तार किया है, और पारंपरिक जटिलताओं को दूर कर सभी के लिए कॉमर्स एवं भुगतान करना संभव बना दिया है। अब कई एमेज़ॉन ग्राहक सुविधाजनक प्रिपेड वॉलेट के विकल्प ज्यादा पसंद करते हैं।’’ (यूनेस्कैप) की डायरेक्टर, ट्रेड, इन्वेस्टमेंट एवं इनोवेशन, डॉ. रूपा चंदा ने कहा, ‘‘यह एशिया-पैसिफिक ई-कॉमर्स पॉलिसी समिट बिल्कुल उपयुक्त समय पर हुई है। सरकार, व्यवसाय एवं शिक्षा जगत के हितधारकों को साथ लाकर यह न केवल ज्ञान और सर्वोत्तम विधियों को साझा करना संभव बनाएगी, बल्कि एशिया पैसिफिक क्षेत्र में ई-कॉमर्स का बेहतर भविष्य निर्धारित करने के लिए नए परिदृश्य एवं समाधान भी प्रदान करेगी।’’
डॉ. दीपक मिश्रा, डायरेक्टर एवं सीई, इक्रियर ने कहा, ‘‘ईकॉमर्स में सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होता हुआ क्षेत्र होने के बावजूद, एशिया पैसिफिक (एपैक) क्षेत्र में इसके बारे में बातचीत करने, बहस करने, और अपने विचार एवं अनुभवों को साझा करने के लिए एक संरचनाबद्ध पॉलिसी फोरम की कमी है। इसलिए आईसीआरआईईआर द्वारा यूनेस्कैप के साथ संयुक्त रूप से पहली एपैक ई-कॉमर्स पॉलिसी समिट का आयोजन बहुत गर्व और विशेष दायित्व का विषय है। इस समिट ने क्षेत्र के नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को खुली वार्ता करने और गठबंधनों एवं सहयोग का विकास करने का एक मंच प्रदान किया। हमें उम्मीद है कि यह समिट एक वार्षिक गतिविधि बन जाएगी, जिसमें इस क्षेत्र में ई-कॉमर्स के सभी हितधारक हिस्सा लेंगे।’’