चिन्मयानंद की बढ़ी मुश्किलें, रेप मामले में अदालत ने जारी किया जमानती वारंट

Edited By Ruby,Updated: 25 May, 2018 04:53 PM

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पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर चल रहे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में स्थानीय अदालत ने राज्य सरकार की मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज करते हुए जमानती वारंट जारी किया है।  चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या को बंधक बनाकर रखने...

शाहजहांपुरः पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर चल रहे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में स्थानीय अदालत ने राज्य सरकार की मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज करते हुए जमानती वारंट जारी किया है।  चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या को बंधक बनाकर रखने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज है। इसे खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा था जो जिला प्रशासन की ओर से न्यायालय भेजा गया था जिसमें 15 मई की तारिख मुकर्रर की गई थी। 

इस बात की जानकारी मिलने पर पीड़िता ने अदालत को पत्र भेजकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी जिसके बाद कल 24 मई को पीड़िता की ओर से लिखित में आपत्ति दाखिल की गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) शिखा प्रधान की अदालत ने पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया है।  

अदालत ने पीड़िता की ओर से दी गई अर्जी को मानते हुए मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी है साथ ही चिन्मयानंद के विरुद्ध जमानती वारंट भी जारी किया है। अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को अगली तारीख पर अदालत में हाजिर होने का भी आदेश दिया है।

गौरतलब है कि पीड़िता ने 30 नवंबर 2011 को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसे बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था जिसके बाद चिन्मयानंद उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले आए थे और उच्च न्यायालय का आदेश समाप्त होते ही राज्य सरकार ने मुकदमा वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।  
 

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