Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Jan, 2023 06:09 PM
नेपाल में को हुए विमान हादसे में सवार 72 यात्रियों में से 68 की मौत हो चुकी है। इस हादसे में पायलट अंजू खतिवड़ा की भी मौत हो गई है। इसे अनोखा संयोग ही कहेंगे। जैसे अंजू खतिवड़ा विमान दुर्घटना की शिकार हो गई।...
काठमांडू: नेपाल में को हुए विमान हादसे में सवार 72 यात्रियों में से 68 की मौत हो चुकी है। इस हादसे में पायलट अंजू खतिवड़ा की भी मौत हो गई है। इसे अनोखा संयोग ही कहेंगे। जैसे अंजू खतिवड़ा विमान दुर्घटना की शिकार हो गई। ठीक आज से 16 साल पहले उसके पति दीपक पोखरेल की भी विमान हादसे में मौत हो गई थी।
दरअसल, दुर्घटनाग्रस्त यति एयरलाइंस के विमान एटीआर-72 में एक को-पायलट अंजू खतीवड़ा की भी जान चली गई। अंजू ने 16 साल पहले 21 जून, 2006 को एक विमान दुर्घटना में अपने पति को खो दिया था। उनके पति भी संयोग से येति एयरलाइंस में को-पायलट थे। 16 साल पहले, येती एयरलाइंस का 9N AEQ विमान नेपालगंज से सुरखेट के रास्ते जुमला जा रहा था, जिसमें छह यात्री और चालक दल के चार सदस्य मारे गए थे। मारे गए लोगों में अंजू का पति भी था। हादसा 21 जून 2006 को हुआ था।
इस विमान की सफल लैंडिंग के बाद अंजू को कैप्टन बनना था। कैप्टन बनने के मकसद से अंजू ने अपने सीनियर पायलट और अपने ट्रेनी कमल केसी के साथ उड़ान भरी थी। पायलट बनने के लिए कम से कम 100 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस जरूरी है। को-पायलट अंजू इससे पहले नेपाल के तकरीबन सभी हवाई अड्डों पर सफलतापूर्वक विमानों की लैंडिंग करा चुकी थीं।
रविवार की सुबह पोखरा के लिए उड़ान भरते समय कैप्टन कमल केसी ने उन्हें मुख्य पायलट की सीट पर बिठाया था। सफल लैंडिंग के बाद अंजू को चीफ पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन अपने लक्ष्य से महज 10 सेकंड की दूरी पर विमान हादसे की लपटों में ना केवल उसके सपने बल्कि जीवन लीला भी भस्म हो गई। उस विमान में सवार कैप्टन के पास भी पायलटिंग का 35 साल का अनुभव था। कमल केसी ने अपने करियर में कई पायलटों को प्रशिक्षित किया था। उनके द्वारा प्रशिक्षित कई पायलट आज की तारीख में सफल पायलट के रूप में जाने जाते हैं।