Edited By Imran,Updated: 01 Oct, 2022 04:42 PM
लगभग तीन साल पहले सीएए (नागरिकता संशोशन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाओं में शामिल नहटौर के 60 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने नोटिस जारी कर 57 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया...
बिजनौर: लगभग तीन साल पहले सीएए (नागरिकता संशोशन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाओं में शामिल नहटौर के 60 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने नोटिस जारी कर 57 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया है।
नहटौर के थाना प्रभारी पंकज तोमर ने शनिवार को बताया कि 20 दिसंबर 2019 को नहटौर में सीएए/एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया था। उन्होंने कहा कि भीड़ ने सरकारी संपत्ति में तोड़-फोड़ की थी और थाने पर खड़ी पुलिस की जीप और मोटरसाइकिलों में आग लगा दी थी। तोमर के मुताबिक, इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया था और जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी।
उन्होंने बताया कि हिंसक प्रदर्शन में अनस और सलमान नाम के दो युवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी। तोमर के अनुसार, प्रशासन ने प्रदर्शन के दौरान 57 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब हिंसा मे शामिल 60 आरोपियों को 57 लाख रुपये की भरपाई के लिए नोटिस जारी किए हैं।