Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Sep, 2022 12:59 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर जातियों की सियासत तेज हो गई है। योगी सरकार ने मझवार समूह की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर जातियों की सियासत तेज हो गई है। योगी सरकार ने मझवार समूह की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस सिलसिले में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से लोकभवन पहुंचकर मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मझवार जाति समूह की उपजातियों को पिछड़ी जातियों की सूची में डाला गया है। इन्हें अब अनुसूचित जाति में शामिल करने की तैयारी है।
संजय निषाद का कहना है कि दिसंबर में जब समाजवादी पार्टी की सरकार गई तो उन्होंने जाते-जाते एक शासनादेश जारी कर दिया, जिसका उन्हें अधिकार नहीं था। इसके बाद 31 दिसंबर, 2012 को हमें पिछड़ी जाति की सूची से निकलवा भी दिया, राज्यपाल का नोटिफिकेशन है। इस वजह से मझवार कहीं भी नहीं हैं और लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि सिस्टमैटिक तरीके से सब हो। राज्य सरकार की तरफ से पत्र जाए और केंद्र सरकार उस पर विचार करके संवैधानिक ढंग से अनुसूचित जाति में शामिल करें, ताकि हमें कोर्ट में कभी कोई चुनौती न दे सके।
संजय निषाद का कहना है कि यह मामला परिभाषित करने का है। मछुवा समुदाय की कहार, कश्यप, केवट, बाथम, निषाद, मल्लाह, रायकवार, धीमर, बिंद, धूवर, गोड़िया, गोड़िया, तुरह की पर्यायवाची उपजातियों को परिभाषित किया जाना है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार की तरफ से एक पत्र केंद्र को भेजा जाएगा। हम पहले से शामिल हैं, सिर्फ परिभाषित किया जाएगा, उनकी उपजातियों को पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में परिभाषित किया जाना है।
उन्होंने कहा कि पूर्व सपा-बसपा सरकारों ने उपजातियों को परिभाषित कराने की बजाए इन्हें अलग से अनुसूचित जाति में शामिल करने पर जोर दिया, जिसका अधिकार राज्य सरकार के पास है ही नहीं। 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने और 2016 में अखिलेश यादव ने असंवैधानिक तरीके से अधिसूचना जारी की। संजय निषाद का कहना है कि मत्स्य विकास मंत्री ने विश्वास जताया है कि केंद्र और राज्य सरकार की डबल इंजन सरकार इन 17 जातियों को आरक्षण जरूर दिलवाएगी।