24 का चक्रव्यूहः गोंडा में कद्दावर नेताओं से तय होता रहा राजनीतिक दलों का कद, घटते-बढ़ते रहे मत प्रतिशत

Edited By Ajay kumar,Updated: 09 Apr, 2024 08:30 PM

gonda stature of political parties continues to be decided by powerful leaders

सूबे की सियासत में आजादी से ही अलग पहचान बनाने वाले गोंडा जनपद में मतदान में भी बड़े दांव दिखाए हैं। यहां के मतदाताओं ने पार्टियों के बजाए कद्दावरों को महत्व देते रहे।

गोंडा: सूबे की सियासत में आजादी से ही अलग पहचान बनाने वाले गोंडा जनपद में मतदान में भी बड़े दांव दिखाए हैं। यहां के मतदाताओं ने पार्टियों के बजाए कद्दावरों को महत्व देते रहे। यही कारण रहा गोंडा संसदीय सीट पर देश की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी और केंद्रीय मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा जैसे सरीखे नेताओं को देश की सदन में जाने का मौका मिला। यह रवायत आज भी कायम है।

बात हम बीते पांच चुनाव परिणामों के करें तो जनता के मूड की मैपिंग समाने आ जाती है। जिस तरह कद्दावर प्रत्याशियों के आने से पार्टियों का वोट प्रतिशत उछाल मार कर आगे बढ़ा वहीं कमजोर प्रत्याशियों को मजबूत दल का साथ मिलने के बाद भी मुंह की खानी पड़ी और वोट प्रतिशत भी धराशायी हो गया। देश की सबसे बड़ी पार्टियों में शुमार कांग्रेस और भाजपा को भी कई बार मतदाताओं ने प्रत्याशी चयन में चूक का झटका दिया। यही नहीं प्रदेश की सियासत में पांव जमा रही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को पहली बार सदन भेजने का काम भी जनता ने कद्दावर नेता को चुनकर बड़ी पार्टियों को हैरत में डाल दिया।

PunjabKesari

भले ही बसपा के किसी भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली लेकिन 2009 के चुनाव में उम्मीदवार के कद के कारण बसपा भी वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रही। यही नहीं वोट प्रतिशत में निचले पायदान पर पहुंच चुकी कांग्रेस को भी 2009 में ही कद्दावर नेता का साथ मिला तो मतदान प्रतिशत बढ़ने के साथ जीत का स्वाद भी 20 साल बाद चखने को मिला और मुख्यधारा में पार्टी की वापसी हुई। 1999 में जीत हासिल करने के बाद भाजपा भी हासिए पर चली गई।

2004 का चुनाव मजबूती से तो लड़ी जीत के करीब नहीं पहुंच सकी। दस साल बाद भाजपा को भी जिले के कद्दावर नेता का साथ मिल गया। फिर क्या था भाजपा के सपनों को पंख लगे और जीत का सिलसिला 2019 तक जारी रहा। इस बार भी भाजपा ने कद्दावर नेता पर ही दांव चला है। फिलहाल सपा ने भी कांग्रेस से गठबंधन करने के बाद पूर्व में क्षेत्र की नुमाइंदगी कर चुके राष्ट्रीय स्तर के वर्मा की पौत्री को दावेदार बनाकर मैदान में उतार दिया है।। । इस बार दो कद्दावरों के बीच मुकाबला रोचक होने की दिशा में दिख रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!