लखीमपुर खीरी हिंसा के एक साल पूरे: टिकैत बोले- इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे देश के किसान, अबतक नहीं मिला न्याय

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Oct, 2022 02:10 PM

farmers of the country will never forget the lakhimpur kheri violence tikait

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल आज ही के दिन खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। मृतक किसानों की याद में आज यानि 3 अक्टूबर को बरसी मनाई जा रही है।

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल आज ही के दिन खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। मृतक किसानों की याद में आज यानि 3 अक्टूबर को बरसी मनाई जा रही है। बरसी पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्याय को लेकर सवाल खड़ा किए हैं। टिकैट ने कहा है कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। टिकैत ने कहा कि देश पिछले साल तीन अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा, "देश भर के किसान इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे और तीन अक्टूबर को इसकी पहली बरसी मनाने के लिए देश भर में इकट्ठा होंगे।"बता दें कि हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारी केंद्र के उन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था। 

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पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला-
टिकैत हिंसा की पहली बरसी पर सोमवार को तिकुनिया क्षेत्र के कौडिय़ाला घाट गुरुद्वारा में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पहुंचे हैं। उन्होंने रविवार शाम को संवाददाताओं से कहा, "पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है।" हिंसा का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, च्च्यह (गांधी जयंती) च्शांतिज् का सप्ताह था, लेकिन पिछले साल इस दौरान हिंसा हुई में आठ लोगों की जान चली गई जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था।"

न्याय मिलने में देरी के लिए राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
न्याय मिलने में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए भाकियू नेता ने कहा, "सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान न तो कानूनी व्यवस्था में विश्वास करता है और न ही संविधान में और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है।"
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क्या है तिकुनिया कांड?
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ किसान तीन अक्टूबर, 2021 को तिकुनिया गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान कार से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग मारे गए थे। हत्या का आरोप केंद्रीय मंत्री अजय टेनी ने पुत्र आशीष टेनी पर लगा है जो इस समय जेल में हैं। 

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