Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 Nov, 2023 01:29 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में अधिकारियों को हर जरूरतमंद तक बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि हर जरूरतमंद को इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर मदद दी जाएगी।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुन रहे थे। जनता दर्शन में उन्होंने करीब 300 लोगों की समस्याएं सुनीं और समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सभी पात्रों का आयुष्मान हेल्थ कार्ड बनाने और किसी के पास यह कार्ड न होने पर बड़े संस्थानों में उसके इलाज के लिए इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद को इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर मदद दी जाएगी।
मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और उनकी बात सुनने के बाद उनके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को भरोसा दिलाया कि सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में पहुंची एक महिला ने मुख्यमंत्री को अपनी बिटिया के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी दी। इस पर सीएम योगी ने उससे आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा। महिला ने बताया कि आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। मुख्यमंत्री ने पास में मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि सबसे पहले महिला की बिटिया को लखनऊ के एसजीपीजीआई या केजीएमयू में भर्ती कराकर तुरंत इलाज शुरू कराया जाए। इसमें जो भी खर्च आना है, अस्पताल से इस्टीमेट बनाकर शासन को उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को उक्त महिला का आयुष्मान कार्ड बनवाने का भी निर्देश दिया। साथ ही कहा कि जो भी जरूरतमंद आयुष्मान हेल्थ कार्ड से वंचित रह गए हैं, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाए जाएं। जनता दर्शन में पुलिस व राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। योगी ने दो टूक हिदायत देते हुए कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर व्यक्ति की समस्या का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए अधिकारी संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं को सुनें और गुणवत्तापूर्ण, त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।