न्याय दो...या फांसी! HC-SC के आदेश के बाद भी UP पुलिस भर्ती-2009 के अभ्यर्थियों को नहीं मिली नियुक्ति

Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Oct, 2022 02:25 PM

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में 13 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे यूपी पुलिस भर्ती 2009 के करीब 30 से 35 अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं। 5 सितंबर से  अनशन पर बैठे ये अभ्यर्थी काफी परेशान हैं, क्योंकि सभी ओवरएज हो चुके हैं।...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में 13 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे यूपी पुलिस भर्ती 2009 के करीब 30 से 35 अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं। 5 सितंबर से  अनशन पर बैठे ये अभ्यर्थी काफी परेशान हैं, क्योंकि सभी ओवरएज हो चुके हैं। इनके हाथों में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की कॉपी है जिसमें साफ-साफ लिखा है कि इनकी मांग सही है, उस मांग पर फैसला किया जाए। इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली के दौरान नियुक्ति देने का आश्वासन दिया था, सरकार बनने के बाद भी नतीजा कुछ नहीं निकला। उनकी सरकार से मांग है कि, न्याय दो...या फांसी।

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बसपा सरकार ने 35 हजार पद पर निकाली थी भर्ती
गौरतलब है कि 2009-10 में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पुलिस विभाग में 35 हजार भर्ती करने का विज्ञापन जारी किया था। जिसके तहत पहेल फिजिकल फिर लिखित परीक्षा हुई। पेपर में 6 सवाल ऐसे आए थे जो गलत थे या फिर जिसके दो विकल्प सही पाए गए थे। रिजल्ट जारी हुए तो उन 6 सवालों के कारण 450 अभ्यर्थी इस भर्ती से बाहर हो गए और 28,149 पद भरे गए।

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HC-SC के आदेश के बाद भी सरकार जिद पर अड़ी
ईको गार्डेन में आंदोलन कर अभ्यर्थियों के अनुसार, रिजल्ट आने के बाद वे लोग पहले अधिकारियों और नेताओं के पास गए लेकिन कहीं भी उनकी बात नहीं सुनी गई। जिसके बाद अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर कर दी। 2015 में कोर्ट ने उनके हक में फैसला देते हुए सभी 6 गलत सवालों के नंबर देने को कहा, इसके बावजूद सरकार नहीं मानी। अभ्यर्थियों को जब नियुक्ति नहीं मिली तो सभी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने 2017 में अभ्यर्थियों के हक में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट की तरह यहां भी सरकार को आदेश दिया गया कि इन अभ्यर्थियों को गलत सवालों के नंबर दिए जाएं। लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी इन्हें वह नंबर नहीं दिया गया।

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चुनावी सभा के दौरान आश्वासन फिर भी नहीं मिली नियुक्ति
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान खुद योगी आदित्यनाथ बुलंदशहर में रोड शो कर रहे थे। उस वक्त हमारी मुलाकात उनसे हुई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि 10 मार्च के बाद सरकार बनने पर हम सबसे पहले आप लोगों की नियुक्ति करवाएंगे लेकिन 7 महीने बीत जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिली। उनका कहना है कि वह दो बार जनता दरबार में भी जा चुके हैं। हम 12 साल से मुकदमा लड़ रहे हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर सरकार नहीं सुनती तो हम यहीं आत्मदाह कर लेंगे।

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