Edited By Ajay kumar,Updated: 06 Sep, 2023 09:43 AM
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के हिंदू धर्म को लेकर दिये गये अपमानजनक बयान पर वीरांगना नगरी झांसी के राष्ट्रभक्त संगठन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए आज मंत्री का पुतला फूंक दिया। महानगर के व्यस्ततम इलाइट चौराहे पर राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय...
झांसीः तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के हिंदू धर्म को लेकर दिये गये अपमानजनक बयान पर वीरांगना नगरी झांसी के राष्ट्रभक्त संगठन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए आज मंत्री का पुतला फूंक दिया। महानगर के व्यस्ततम इलाइट चौराहे पर राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया आज दोपहर बड़ी संख्या में एकत्र हुए और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के पुत्र एवं राज्य में मंत्री उदयनिधि का पुतला फूंका।
हिंदू धर्म के खिलाफ मंत्री का बयान बेहद अपमानजनक
इस दौरान अड़जरिया ने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री का हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारियों से करना और यह कहना कि इनकी रोकथाम की नहीं इस धर्म को पूरी तरह से मिटाने की जरूरत है, जो बेहद अपमानजनक है।
....हम शस्त्र उठाना भी जानते हैं
उन्होंने कहा ‘‘ उदयनिधि का पुतला फूंक कर हम यह संदेश देना चाहते हैं कि यह सनातन संस्कृति है। हम लोग शास्त्र की बात करते हैं लेकिन यदि अकारण हमारे धर्म के बारे में ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया जायेगा तो फिर हम शस्त्र उठाना भी जानते हैं। जब हिंदू समाज ऐसा करेगा तो इस तरह के लोगों के ऐसे बयान आना भी बंद हो जायेंगे। जो सनातन संस्कृति के विरोधी हैं वह इसका विरोध करेंगे। हम तो अन्य धर्मों के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां नहीं करते हैं।''
मंत्री का यह कृत्य सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री का यह कृत्य सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला, धार्मिक उन्माद फैलाने वाला, संप्रदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने वाला और दंगा कराने वाला है। सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी अमर्यादित चीजों को फैलाने वाले के खिलाफ कारर्वाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत किया जाना चाहिए। संगठन के लोगों ने इस संबंध में एसएसपी को संबोधित एक ज्ञापन भी दिया। साथ ही तमिलनाडु सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया।
क्या कहा था उदयनिधि ने?
गौरतलब है कि उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा था,‘‘सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है, इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।''