Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 05:50 PM
हाल ही में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हुई बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद भी सरकारी डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला जनपद संभल के बहजोई का है...
संभल(मुजम्मिल दानिश): हाल ही में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हुई बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद भी सरकारी डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला जनपद संभल के बहजोई का है। जहां डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई है। पीड़ित युवक जगपाल की पत्नी के प्रसव पीड़ा हुई तो उसने गांव की आशा के कहने पर सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया। इसके बाद वह बेफ़िक्र हो गया। लेकिन उसे मालूम नहीं था कि जहां वह पत्नी को भर्ती करा रहा है वहां के डॉक्टर बिल्कुल निकम्मे हैं ।
जानकारी के मुताबिक सुबह के वक्त प्रसव महिला को भर्ती कराया गया। कुछ देर बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। जब महिला के परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टरों को तलाशा तो काफी देर बाद एक स्टाफ नर्स आई। महिला की बिगड़ी हालत देखकर उसके होश उड़ गए। उसने आनन-फानन में उस महिला के परिजनों को समझाकर बुझाकर बिना अस्पताल की अनुमति आैर ठोस इलाज किये ही वहां से निकाल दिया। गंभीर हालात में महिला काे परिजन निजी हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टर मृत घोषित कर दिया और वापस सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
डाक्टर ने मृतक के परिजनाें से लगवाया अंगूठा
वहीं नर्स ने अपने बचाव के लिए महिला के परिजनों से एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया। जिससे वह कानूनी कार्रवाई से बच सके।
परिजनों ने शव लेकर किया अस्पताल में हंगामा
परिजनों ने महिला के शव को वापस सरकारी अस्पताल में लाकर रखा तो वहां पर लेबर रूम का सारा स्टाफ भाग चुका था। इस दाैरान परिजनाें ने वहां जमकर हंगामा किया। इतना सब कुछ होने के बाद भी जनपद की सीएम्ओ अमिता सिंह को कुछ भी पता नहीं लगा। जबकि घटना उनके ऑफिस से मात्र 10 कदम की दूरी पर घटित हुई। उनका ऑफिस अस्पताल के कैम्पस में ही है।
स्टाफ को ही बचाती नजर आईं सीएमआे
जब सीएमओ साहिबा से इस बारे में बात की गई तो वह अपने स्टाफ को ही बचाती नजर आईं। मीडिया के सामने झूठ बोलते हुए कहा कि महिला के परिजनों को 2 घंटे पहले बताकर रेफर किया गया था जबकि सबकुछ झूठ है।