“मंदिर के पैसे से गलियारे का निर्माण स्वीकार नहीं,यह पैसा भक्तों ने भगवान को चढ़ाया है”

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Oct, 2023 05:58 PM

construction of the corridor with temple money is not acceptable

मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर की देखरेख करने वाले गोस्वामी परिवार ने गलियारा निर्माण की योजना पर यह कहते हुए आपत्ति की कि सरकार मंदिर के पैसे से यह निर्माण करने जा रही है जो स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यह पैसा भगवान को भक्तों के चढ़ावे का...

प्रयागराज: मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर की देखरेख करने वाले गोस्वामी परिवार ने गलियारा निर्माण की योजना पर यह कहते हुए आपत्ति की कि सरकार मंदिर के पैसे से यह निर्माण करने जा रही है जो स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यह पैसा भगवान को भक्तों के चढ़ावे का पैसा है। मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने आनंद शर्मा और एक अन्य याचिकाकर्ता की जनहित याचिका पर इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अक्टूबर, 2023 तय की।

याचिकाकर्ताओं ने बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ की घटना की जांच कराने की मांग की है। आज जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तब गोस्वामी परिवार ने सरकार की योजना पर आपत्ति करते हुए कहा कि वह गलियारे के निर्माण के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार यह निर्माण मंदिर के पैसे से कराने जा रही है जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यह पैसा, भगवान को भक्तों द्वारा चढ़ाया गया पैसा है। इससे पूर्व, अदालत को बताया गया था कि राज्य सरकार बांके बिहारी मंदिर के पास पांच एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर एक गलियारे का निर्माण करने की योजना बना रही है जिससे श्रद्धालुओं को सुविधाएं दी जा सकें।

 इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मंदिर जाने वाले भक्तों के प्रबंधन के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। इसके बाद, गोस्वामी परिवार द्वारा पक्षकार बनने का एक आवेदन दाखिल कर इस योजना पर यह कहते हुए आपत्ति जताई गई कि यह एक निजी मंदिर है और सरकार द्वारा इसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। शुक्रवार को गोस्वामी परिवार ने कहा कि यदि कोई विकास किया जाना है तो उसे राज्य सरकार के कोष से किया जाए न कि भगवान के पैसे से और इस याचिका में भगवान को पक्षकार नहीं बनाया गया है।

अदालत को बताया गया कि मथुरा के सिविल जज इस मंदिर के केयरटेकर हैं और राज्य सरकार द्वारा उन्हें कोई आवेदन नहीं दिया गया है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार के वकील से पूछा, तो उन्होंने कहा कि आवेदन दिया जाना है। प्रखर गर्ग नाम के एक व्यक्ति के पक्षकार बनाने का आवेदन देते हुए उनके वकील ने कहा कि यदि सरकार विकास के लिए आगे बढ़ती है तो उनके मुवक्किल एक महीने के भीतर 100 करोड़ रुपये जमा करने को तैयार हैं और आगे की राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि, अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 11 अक्टूबर तय करते हुए सरकारी वकील को इन मुद्दों पर सरकार का रुख स्पष्ट करने को कहा

 

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