चुनाव लड़ने से रोकने के लिए षड्यंत्र रचा गया, सात साल की सजा सुनाए जाने पर बोले पूर्व सांसद धनंजय सिंह

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Mar, 2024 07:19 PM

conspiracy was hatched to stop him from contesting elections

जिले की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके एक सहयोगी को सात-सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी।

जौनपुर: जिले की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके एक सहयोगी को सात-सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी। इसे लेकर उन्हे ने अपनी प्रतिकृया जारी की है। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ये षड्यंत्र रचा गया है। हालांकि इस सजा के बाद धनंजय अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024  निर्दलीय लड़ने का फैसला किया था।

जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पांडेय ने यहां बताया कि 10 मई 2020 को नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक के अपहरण, रंगदारी मांगने, षड्यंत्र रचने तथा अपशब्द कहने और धमकी देने के मामले में विशेष सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को मंगलवार को दोषी ठहराया था। अदालत ने बुधवार को उन्हें सात-सात साल की कैद और 75-75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा सुनाये जाने के बाद धनंजय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अब चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं।

पांडेय ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइनबाजार थाने में अपहरण, रंगदारी तथा अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 386, 504, 506 तथा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ सिंघल का अपहरण कर उसे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के घर ले गया था जहां धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर आए और अपशब्द तथा धमकी देते हुए रंगदारी मांगी।

उन्होंने बताया कि इस मामले में धनंजय और संतोष विक्रम को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गयी थी। पांडेय ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हॉट्सऐप संदेश और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित हुआ है। सजा का ऐलान होते ही न्यायालय परिसर में जमा हुए धनंजय सिंह के तमाम समर्थक मायूस हो गए। धनंजय सिंह ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी की थी। वह पहले राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल-यूनाइटेड के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मगर भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया जिससे धनंजय निराश होकर समाजवादी पार्टी से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे।

 

 

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