Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Feb, 2024 10:08 PM
लोकसभा चुनाव से पहले सियासी जमीन मजबूत करने के लिये कांग्रेस ने हाथ-पैर मारने शुरू कर दिये हैं। सालों पहले पार्टी से किनारा कर चुके वोटरों में भरोसा पैदा करने की कोशिश की जा रही है। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि...
बरेलीः लोकसभा चुनाव से पहले सियासी जमीन मजबूत करने के लिये कांग्रेस ने हाथ-पैर मारने शुरू कर दिये हैं। सालों पहले पार्टी से किनारा कर चुके वोटरों में भरोसा पैदा करने की कोशिश की जा रही है। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि अपने मूल वोटरों को पार्टी से जोड़ने के लिये न्याय पंचायत स्तर पर फ्रंटल संगठनों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
अपने मूल मतदाताओं में आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही कांग्रेस
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने कहा कि भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी अपने मूल मतदाताओं में आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है। मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण वर्ग कांग्रेस पार्टी का मूल वोटर हुआ करता था। इन्हें फिर जोड़ने के लिए दो से 12 फरवरी तक अभियान चलाया जा रहा है। फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ न्याय पंचायत स्तर तक मतदाताओं से संपर्क करेंगे।
भाजपा झूठ बोलकर सत्ता में आई
उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ बोलकर सत्ता में आई है। जिला प्रवक्ता पंडित राज शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मूल मतदाता लौट आए तो कांग्रेस की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। जिला उपाध्यक्ष जुनेद हसन एडवोकेट, कमर गनी, पूर्व विधायक छोटे लाल गंगवार, सुरेश वाल्मीकि, मैदान शाह, शक्ति शर्मा व अन्य शामिल रहे।
गिनाया जातिगत गणित
अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन कमर गनी ने जातिगत गणित गिनाते हुये कहा की उत्तर प्रदेश में मुस्लिम लगभग 20 प्रतिशत और दलित मतदाता लगभग 22 प्रतिशत हैं। ये दोनों जातियां मिलकर कांग्रेस को वोट दें तो लगभग 41 प्रतिशत होगा है। इसके साथ बाकी जातियों का भी कुछ वोट कांग्रेस पाने सफल हो जाती है तो पार्टी को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है।