Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 03:23 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर सूबे की योगी सरकार भी वीआईपी कल्चर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कमर कसती दिखाई दे रही है। हाल ही में सरकार ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है....
लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर सूबे की योगी सरकार भी वीआईपी कल्चर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कमर कसती दिखाई दे रही है। हाल ही में सरकार ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। जिसके चलते अब योगी और उनके मंत्रियों के कार्यक्रमों में भारी भरकम फूलों के गुलदस्तों का आदान-प्रदान खत्म कर दिया है।
बुके नहीं ‘बुक’ से सरकार रोकेगी फिजूलखर्ची
यानि कि जिन मंत्रियों को खुश करने के लिए अभी तक महंगे विदेशी फूलों की साज सज्जा होती थी और गुलदस्ते भेंट किए जाते थे उस पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि यह आदेश बुधवार को सीएम योगी की तरफ से जारी किया है। वीआईपी कल्चर से अब बुके भेंट करना गायब करके उसकी जगह पर किताबों को उपहार में देना चलन में आएगा।
ज्ञानवर्धक किताबों का बढ़ेगा चलन
बता दें कि सीएम योगी के इस आदेश के बाद कार्यक्रमों में फूलों पर होने वाले फिजूलखर्ची को रोका जाएगा। इस फिजूलखर्ची को रोकने के लिए दिशा निर्देश पारित किए गए हैं। अगर कोई सम्मान करना चाहता है तो कोई भी पुस्तक भेंट करें जिसे जानकारी लोगों की बढ़ेगी।
लाखों रुपए का बनता था गुलदस्ते का बिल
सूत्रों के मुताबिक़ कार्यक्रमों में वितरित करने वाले गुलदस्तों का बिल लाखों के बनते थे। इसे देख सीएम योगी काफी नाराज़ हुए। कार्यक्रमों में फूलों की सजावट और गुलदस्ते में होने वाले इस फिजूलखर्ची को रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो सीएम योगी के मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक यूपी में होने वाले कार्यक्रमों में विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए केवल गुलदस्ते में ही खर्च हुए हैं। इससे सीएम योगी काफी खफा हैं
धार्मिक किताबें भेंट करने की अपील
किताबों में रामचरित मानस, गीता जैसी धार्मिक किताबें देने की बात भी कही गई है। इन किताबों को पढ़कर लोग उसका अनुसरण करेंगे और जीवन में बदलाव आएगा।