गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने आए श्रद्धालुओं से मिले CM Yogi, 15 जनवरी को मनाया जायेगा खिचड़ी का पावन पर्व

Edited By Ramkesh,Updated: 14 Jan, 2023 01:17 PM

cm yogi met the devotees who came to offer khichdi in gorakhnath temple

Yogi Adityanath मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिचड़ी मेले परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। योगी ने कहा कि समूचे मंदिर व मेला परिसर में साफ- सफाई, की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,...

गोरखपुर:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) ने खिचड़ी मेले परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। योगी ने कहा कि समूचे मंदिर व मेला परिसर में साफ- सफाई, की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,  जिससे खिचड़ी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना न करना पड़े।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खोया- पाया केंद्र, अस्थायी चिकित्सालय व अन्य शिविरों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। खिचड़ी चढ़ाने आए श्रद्धालुओं से सीएम योगी बताचीत करते हुए उनके बच्चों को पास बुलाकर दुलार करते हुए नजर आए।  गोरक्षपीठ के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी के अनुसार शिवावावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व ;खिचड़ी, 15 जनवरी, 2023 ;रविवार को मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि माघ मास, कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के ब्रह्म मुहूर्त मे 03 बजकर 02 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि मे प्रवेश करेंगे।  बताया जाता है कि इस पर्व पर ऊनी वस्त्र, तेल, घी, तिल और गुड़ आदि द्रव्यों का दान करना श्रेयस्कर होता है।

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बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मन्नत मांगते है लोग
विश्व प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिरमें मकर संक्रांति से शुरू होकर माह भर चलने वाला खिचड़ी मेला बेमिसाल है और यह मेला श्रद्धाए मनोरंजन और रोजगार का संगम भी है। पूरी प्रकृति में ऊर्जा और जीवन का संचार करने वाले सूर्यदेव के उत्तरायण होने पर खिचड़ी चढ़ाने की त्रेतायुगीन यह अनूठी परंपरा पूरी तरह लोक को समर्पित है। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी के रूप में चढ़ाए जाने वाला अन्न वर्षभर जरूरतमंदों में वितरित किया जाता है। मंदिर के अन्न क्षेत्र में कभी भी कोई जरूरतमंद पहुंचाए खाली हाथ नहीं लौटा। ठीक वैसे ही जैसे बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मन्नत मांगने वाला कभी निराश नहीं होता।

त्रेतायुग से खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा त्रेतायुगीन मानी जाती है। मान्यता है कि तत्समय आदि योगी गुरु गोरखनाथ एक बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मां ज्वाला देवी के दरबार में पहुंचे। मां ने उनके भोजन का प्रबंध किया। कई प्रकार के व्यंजन देख बाबा ने कहा कि वह तो योगी हैं और भिक्षा में प्राप्त चीजों को ही भोजन रूप में ग्रहण करते हैं। उन्होंने मां ज्वाला देवी से पानी गर्म करने का अनुरोध किया और स्वयं भिक्षाटन को निकल गए। भिक्षा मांगते हुए वह गोरखपुर आ पहुंचे । राप्ती और रोहिन के तट पर जंगलों में बसे इस स्थान पर धूनी रमाकर साधनालीन हो गए। उनका तेज देख तभी से लोग उनके खप्पर में अन्न ;चावल, दाल दान करते रहे। इस दौरान मकर संक्रांति का पर्व आने पर यह परंपरा खिचड़ी पर्व के रूप में परिवर्तित हो गई तब से बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने का क्रम हर मकर संक्रांति पर अहर्निश जारी है। कहा जाता है कि उधर ज्वाला देवी के दरबार मे बाबा की खिचड़ी पकाने के लिए आज भी पानी उबल रहा है।

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