Edited By Mamta Yadav,Updated: 27 May, 2022 09:54 PM
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के गृह नगर इटावा को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल कर योगी सरकार ने शहर की सूरत बदलने की मंशा का इजहार किया है।
इटावा: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के गृह नगर इटावा को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल कर योगी सरकार ने शहर की सूरत बदलने की मंशा का इजहार किया है।
योगी सरकार के नगर विकास विभाग ने अपने स्मार्ट सिटी मिशन में मिशन टू मूवमेंट की अवधारणा के अंतर्गत प्रदेश के 102 स्थानीय निकायों को भी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत शामिल किया है। इन 102 में इटावा शहर का भी नाम शामिल है। इटावा के नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात की ओर से 11 मई को पत्र जारी किया गया है। यह पत्र नगर पालिका को प्राप्त भी हो गया है। योजना के अंतर्गत केवल इटावा शहर को ही शामिल किया गया है।
इटावा शहर नगर विकास विभाग की अमृत योजना में पहले ही शामिल है। इसके तहत घर-घर पाइप लाइन बिछवाकर पानी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं। नगर पालिका परिषद के अंतर्गत शहर के लाइन पार व लाइन आर इलाके को मिलाकर कुल 40 वाडर् आते हैं। उन्होंने बताया कि इस पर अगले निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी से बात कर योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसकी रूपरेखा बनाकर शासन को प्रेषित की जाएगी। जो-जो कार्य होने हैं उसके बारे में दिशा-निर्देश मिलने पर कार्य योजना तैयार की जाएगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शहर के विकास के लिए कायाकल्प साबित होगा। इससे कई नागरिक सुविधाओं में इजाफा होगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इटावा शहर के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र में जनसामान्य के लिए विभिन्न सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। इससे न केवल शहर का विकास होगा बल्कि शहर का सुंदरीकरण भी होगा। चौराहे विकसित होंगे और सार्वजनिक परिवहन व अन्य सुविधाएं भी बढ़ेंगी। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर में पर्याप्त जलापूर्ति, सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित सफाई, सक्षम शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन, गरीबों के लिए किफायती आवास, सक्षम आइटी कनेक्टिविटी और डिजिटिलाइजेशन, सुशासन, ई-गवर्नेंस और नागरिक भागेदारी, स्वच्छ पर्यावरण, महिलाओं, बच्चों व वृद्ध नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किए जाएंगे।