Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 29 Aug, 2021 08:50 PM
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई है। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े दलों ने...
झांसीः आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई है। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े दलों ने तैयारी को लेकर अपनी कमर कस ली है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी भी इस बार ब्राह्मण कार्ड के साथ मैदान में जुटी हुई है। मगर सवाल उठता है कि कार्ड लाने वाली बसपा के साथ ब्राह्मण वर्ग का क्या गणित है ये समझने वाली बात है। दरअसल झांसी में आयोजित बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में ब्राह्मणों की उपस्थिति न के बराबर रही। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की समधन अनुराधा शर्मा तक सम्मेलन में नदारद रहीं। वहीं बसपा के दिग्गज नेता से सवाल किया गया तो वह गुस्से में लाल-पीला हो गए।
बता दें कि झांसी में बस स्टैंड के पास स्थित एक लॉन में भले ही ब्राह्मण वर्ग के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मगर वही वर्ग गायब दिखा। आश्चर्य है कि बसपा के ब्राह्मण चेहरा राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा और पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे को सामने लाकर पार्टी अपनी भरसक कोशिश की मगर ये असफल रहा।
वहीं जब सतीश मिश्रा से अपनी सम्धन अनुराधा शर्मा से सम्मेलन से दूरी का सवाल पूछा गया तो वह गुस्से में लाल-पीले हो गए और कहा कि सम्मेलन के बारे में पूछिए। इतना ही नहीं लेकिन जब दोबारा यही सवाल हुआ तो वह उठ खड़े हुए।