Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 01 Oct, 2021 10:42 AM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अवैध गतिविधियों में संलिप्त पुलिसकर्मियों (Policemen)के बुरे दिनों की शुरुआत हो गई है। आए दिन पुलिस कर्मियों की कार्यशैली और आचरण (Behaviour) पर उठते सवालों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अवैध गतिविधियों में संलिप्त पुलिसकर्मियों (Policemen)के बुरे दिनों की शुरुआत हो गई है। आए दिन पुलिस कर्मियों की कार्यशैली और आचरण (Behaviour) पर उठते सवालों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने थाने और सकिर्ल में तैनात, आरोपों में घिरे एक-एक पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों की छानबीन कराने का फैसला किया है।
पुलिस सुधार के लिहाज से इस बेहद अहम काम के लिए सीएम ने पुलिस महानिदेशक अभिसूचना और अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था की अध्यक्षता में दो अलग-अलग कमेटियां गठित कर दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उच्चस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटियों की रिपोर्ट के बाद दोषी पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी की तैयारी है। गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में योगी ने पुलिस बल की कार्यशैली सुधार के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि यूपी पुलिस देश का सबसे बड़ा नागरिक पुलिस बल है और अनेक मौकों पर अपनी प्रोफेशनल दक्षता का शानदार उदाहरण भी दिया है। लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के अवैध गतिविधियों में संल्पित होने की शिकायतें मिल रही हैं। हाल के महीनों में कुछ बड़े अधिकारियों को उनके गलत आचरण के कारण सेवा से बर्खास्त किया गया है तो बहुत से पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं।
उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी से कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त एक भी पुलिसकर्मी यूपी पुलिस का हिस्सा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने प्रमाण के साथ ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सीएम के आदेश के बाद दो उच्चस्तरीय कमेटियां गठित कर दी गई हैं। डीजी इंटेलिजेंस की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एडीजी कानून-व्यवस्था और सचिव गृह बतौर सदस्य होंगे। यह कमेटी अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक पद की स्क्रीनिंग करेगी, जबकि एडीजी कानून व्यवस्था की अध्यक्षता वाली दूसरी कमेटी निरीक्षक और उप निरीक्षक पदों पर तैनात लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। इस कमेटी में एडीजी स्थापना और सचिव गृह सदस्य की भूमिका में होंगे। यह कमेटियां 03 साल से एक ही जिले में तैनात जिन पुलिसकर्मियों पर किसी तरह के आरोप हैं, उनका परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी।