अयोध्या में गोली चलवा कर मुलायम ने अपने उत्तरदायित्व का किया था निर्वहन: प्रो. रामगोपाल

Edited By ,Updated: 29 Jun, 2016 06:23 PM

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समाजवादी पार्टी के कद्दावर और राज्यसभा में पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने वर्ष 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा अयोध्या में गोली चलवाने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा है कि यादव ने...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर और राज्यसभा में पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने वर्ष 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा अयोध्या में गोली चलवाने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा है कि यादव ने परिस्थितियों के मद्देनजर अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह किया और हजारों लोगों के जीवन की रक्षा की।

 
प्रो. यादव ने अपनी किताब ‘संसद में मेरी बात’ में अयोध्या मामले का उल्लेख किया है। 6 दिसंबर 1999 को अयोध्या के संबंध में संसद में दिए अपने भाषण में प्रो. यादव ने 1990 में मुलायम सिंह यादव सरकार के गोली चलवाने को सही ठहराने की कोशिश की गई है। किताब में लिखा है कि गोलीकाण्ड में मात्र 16 लोग मरे थे लेकिन इस निर्णय से सोलह हजार लोगों की जान बच गई थी।
 
अपने 6 दिसंबर 1999 के भाषण में उन्होंने कहा है ‘आपने (तत्कालीन सरकार) गोली नही चलवायी तो 16 हजार लोग मरे और सारी दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम बदनाम हुआ। ’ राजनीतिक ङ्क्षचतक डी.एच. ग्रीन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य का आधार इच्छा होती है शक्ति नहीं। बहुमत के बल पर ताकत के बल पर आप पूरे संविधान को कुचल नहीं सकते। अगर इस तरह का काम होगा तो राज्य फिर राज्य नहीं रहेगा। लोगों के हित में कुछ काम नहीं होगा।
 
किताब में पुलिस और पीएसी की तारीफ की गई है और कहा गया है कि 1990 में इन्हीं सुरक्षा बलों ने बाबरी मस्जिद की रक्षा की थी इसलिए पुलिस और पीएसी पर अंगुली नहीं उठाई जा सकती। अगर नेतृत्व गलत होगा, लीड करने वाला गलत होगा तो उसी दिशा में लोग चलेंगे। प्रो. यादव का दावा है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस तत्कालीन केन्द्र और राज्य सरकार की चूक का नतीजा था। 
 
यादव की इस किताब में यह दावा करते हुए अयोध्या में भूमि अधिग्रहण पर भी सवाल उठाया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज इस किताब का विमोचन किया। उस समय निकली बहुचर्चित रथयात्रा को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। संसद में रामगोपाल यादव के भाषणों के संकलन ‘संसद में मेरी बात’ में लिखा गया है कि यात्रा तत्कालीन प्रधानमंत्री की राय और सहमति से निकाली गई थी। उस वक्त भी अयोध्या में जो हुआ वह देश की सरकार की सहमति से हुआ। 

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