Edited By ,Updated: 15 Feb, 2016 02:55 PM
राष्ट्रीय जनता दल(राजद)के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू)और जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई)के अल्पसंख्यक अधिकारों के अतिक्रमण की नरेन्द्र मोदी सरकार की हाल की कथित कोशिशों को मूल अधिकारों के हनन की घिनावनी साजिश का...
अलीगढ: राष्ट्रीय जनता दल(राजद)के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू)और जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई)के अल्पसंख्यक अधिकारों के अतिक्रमण की नरेन्द्र मोदी सरकार की हाल की कथित कोशिशों को मूल अधिकारों के हनन की घिनावनी साजिश का हिस्सा करार दिया है। फातमी ने आज यहां संवाददाताआें से कहा ‘‘अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने की मोदी सरकार की कोशिशें संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं। एएमयू और जेएमआई रूपी एेतिहासिक संस्थानों के अल्पसंख्यक स्वरूप को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें हैं।
दरअसल इन संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने की साजिश का हिस्सा हैं।’’ पूर्व मानव संसाधन राज्यमंत्री ने आरोप लगाया कि एएमयू और जेएमआई के अल्पसंख्यक स्वरूप को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें इसलिए की जा रही हैं। ताकि समाज का धु्रवीकरण करके उसे बांट दिया जाए और अन्तत: भारतीय संविधान की परिकल्पना को कमजोर किया जा सके। यह सब आगामी विधानसभा चुनावों में फायदा लेने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एएमयू के हर बाह्य केन्द्र को 2200 करोड़ रपये दिए जाने थ,े लेकिन केन्द्र सरकार ने सिर्फ बिहार के किशनगंज केन्द्र के लिए ही 36 करोड़ रपये जारी किए हैं। फातमी ने कहा कि अगर जरूरी भवनों के निर्माण के लिए भी धन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तो इन ऑफ कैम्पस केन्द्रों का वजूद खतरे में पड़ जाएगा।