जस्टिस यशवंत वर्मा ने के शपथ लेने से इलाहाबाद बार एसोसिएशन दुखी, कहा- शपथ ग्रहण भारत के संविधान के विरुद्ध

Edited By Ramkesh,Updated: 05 Apr, 2025 05:33 PM

allahabad bar association unhappy with justice yashwant verma

दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को गुप्त तरीके से शपथ दिलाए जाने से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दुख व्यक्त किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली को लिखे पत्र में एसोसिएशन के...

प्रयागराज: दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को गुप्त तरीके से शपथ दिलाए जाने से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दुख व्यक्त किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली को लिखे पत्र में एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने कहा, “गुप्त तरीके से न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को शपथ दिलाए जाने के बारे में जानकर पूरे बार एसोसिएशन को दुख है।

 बार एसोसिएशन ने शपथ को बताया असंवैधानिक
उन्होंने कहा, “एक न्यायाधीश का शपथ ग्रहण, हमारी न्यायिक प्रणाली में एक सर्वोत्कृष्ट आयोजन होता है। इस संस्थान में समान रूप से भागीदार अधिवक्ताओं को इससे दूर नहीं रखा जा सकता। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि यह शपथ ग्रहण भारत के संविधान के विरुद्ध है, इसलिए एसोसिएशन के सदस्य असंवैधानिक शपथ से जुड़ना नहीं चाहते।” पांडेय ने कहा, “हम यह समझने में असमर्थ हैं कि इस शपथ में “गोपनीय” क्या है। हमें समझाया गया कि न्याय व्यवस्था निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हर कदम उठा रही है, लेकिन इस शपथ ग्रहण की अधिसूचना बार को क्यों नहीं दी गई, इस प्रश्न ने एक बार फिर आम आदमी की न्यायिक व्यवस्था में आस्था घटाई है।”

पथ ग्रहण खुली अदालत में कराया जाता है 
उन्होंने कहा, “हमारी पीठ के पीछे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को जिस तरह से शपथ दिलाई गई, हम स्पष्ट रूप से उसकी निंदा करते हैं। पारंपरिक रूप से शपथ ग्रहण खुली अदालत में कराया जाता रहा है, लेकिन अधिवक्ता बिरादरी को इसकी सूचना नहीं देने से इस संस्थान में उनका भरोसा घट सकता है।” बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से इस संस्थान के बुनियादी मूल्यों का संरक्षण करने और संस्थान की परंपराओं का पालन करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं देने का अनुरोध 
पांडेय ने कहा, “एसोसिएशन को यह भी पता चला है कि ज्यादातर न्यायाधीशों को भी उक्त शपथ ग्रहण में आमंत्रित नहीं किया गया। इस प्रकार से, कानूनी और परंपरागत रूप से न्यायमूर्ति वर्मा को दिलाई गई शपथ गलत एवं अस्वीकार्य है।” बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई प्रशासनिक या न्यायिक कार्य नहीं देने का अनुरोध किया है। 

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