बदायूं में दोहरे हत्याकांड के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर सपा-भाजपा के बीच बयानबाजी शुरू

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Mar, 2024 02:59 PM

after the double murder in badaun rhetoric started between sp and

लोकसभा चुनाव से पहले बदायूं में दो नाबालिग भाइयों की नृशंस हत्या इस क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने कानून-व्यवस्था...

बदायूं: लोकसभा चुनाव से पहले बदायूं में दो नाबालिग भाइयों की नृशंस हत्या इस क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा ने दावा किया है कि 'त्वरित पुलिस कार्रवाई' के परिणामस्वरूप मुख्य आरोपी मुठभेड़ में मारा गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित, बदायूं को रुहेलखंड से ब्रज क्षेत्र का प्रवेश द्वार माना जाता है। साल 2019 में भाजपा के हाथों गंवाई गई बदायूं लोकसभा सीट को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही समाजवादी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से भाजपा की मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य हैं लेकिन पार्टी ने अभी यहां अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। बदायूं में गत मंगलवार की शाम दो नाबालिग भाइयों की हत्या कर दी गई जिससे पूरे जिले और राज्य में सनसनी फैल गई। 

इस दोहरे हत्याकांड ने निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक विमर्श को बदल दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हत्या को ‘‘कानून व्यवस्था की विफलता'' करार देते हुए कहा कि दोनों भाइयों की जान बचाई जा सकती थी। यादव ने कहा, ‘‘पुलिस ने ठीक से काम किया होता तो जान बचाई जा सकती थी। वे (भाजपा सरकार) अपनी कमियों को नहीं छिपा सकते। यह मुठभेड़ (पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ में मुख्य आरोपी साजिद की मौत) उनकी विफलता को नहीं छिपा पाएगी।'' शिवपाल यादव ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला। शिवपाल यादव ने कहा, ‘‘बदायूं की घटना बहुत दुखद है, लेकिन सरकार की कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है।'' उधर, बदायूं सीट से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर इस घटना को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। बुधवार को मृत बच्चों के घर पहुंची संघमित्रा ने परिवार के सदस्यों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दो नाबालिग लड़कों की हत्या की निंदा करती हूं। भाजपा का हमारा परिवार शोकाकुल परिवार के साथ है। मैं इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे लोगों से सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि यह ऐसा करने का समय नहीं है।'' 

संघमित्रा ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है क्योंकि बदायूं का उसका तथाकथित किला 2019 में यहां की जनता ने ध्वस्त कर दिया था। सपा उम्मीदवार ने देखा होगा कि आज बदायूं में उन्हें पूछने वाला कोई नहीं था। इसलिए वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।'' वह जाहिर तौर पर सपा नेता शिवपाल यादव का जिक्र कर रही थीं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम घोषित किए जाने के बाद पिछले सप्ताह बदायूं का पहला दौरा किया था। शिवपाल यादव के बेटे और पार्टी नेता आदित्य यादव ने बृहस्पतिवार को मृतक भाइयों के परिवार से मुलाकात की और सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ दुष्प्रचार की शिकायत दर्ज कराने के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की। आदित्य यादव ने कहा, ‘‘भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने हमारे नेता शिवपाल यादव के खिलाफ अभद्र, निराधार और भ्रामक टिप्पणी की। हमने इस संबंध में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। आने वाले दिनों में हमारे वकीलों की एक टीम मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराएगी।'' 

गौरतलब है कि साजिद नामक व्यक्ति ने अपने भाई जावेद के साथ पिछले मंगलवार की शाम बाबा कॉलोनी स्थित एक घर में घुसकर तीन नाबालिग भाइयों- आयुष (12), अहान उर्फ हनी (आठ) और युवराज (10) पर चाकू से हमला किया था। इस वारदात में आयुष और अहान की मौत हो गई थी जबकि युवराज गंभीर रूप से घायल हो गया था। हत्या के कुछ घंटे बाद ही आरोपी साजिद (22) पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। वारदात के दो दिन बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी जावेद को गिरफ्तार कर लिया था। राजनीतिक दलों का नेतृत्व जहां एक ओर इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर हमला करने में व्यस्त है, वहीं पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने संदेशों को जमीनी स्तर तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। सपा के स्थानीय पदाधिकारी सौमित्र यादव ने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह का अपराध करना यह साबित करता है कि उसके मन में कानून का कोई डर नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करके कानून के प्रति भय और विश्वास पैदा किया जा सकता है कि आरोपियों को अदालत के जरिए दोषी ठहराया जाए। मुठभेड़ से यह सुनिश्चित नहीं होता।'' भाजपा के सदस्य अपनी ओर से त्वरित कार्रवाई का संदेश लेकर जनता तक पहुंच रहे हैं।

भाजपा की महानगर इकाई के सदस्य सर्वेश पांडे ने कहा, ‘‘पुलिस घटना के तुरंत बाद मुख्य आरोपी को पकड़ने में कामयाब रही और उसे मुठभेड़ में मार गिराया गया। दूसरे आरोपी को भी 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। यह कानून और व्यवस्था के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'' घटना ने इलाके में शांति के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया था क्योंकि इस घटना में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल थे। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। बरेली रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राकेश सिंह ने कहा, ‘‘हमारा पहला उद्देश्य मामले में आरोपियों की स्पष्ट रूप से पहचान करना और उन्हें गिरफ्तार करना था, लेकिन निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती इलाके में कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करना थी।'' बदायूं लोकसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। इस क्षेत्र को पहले सपा का गढ़ माना जाता था। सपा ने 1996 से 2014 तक इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा। इसमें सलीम इकबाल शेरवानी के लगातार चार कार्यकाल (1996-2004) और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के दो कार्यकाल (2009, 2014) शामिल हैं। हालांकि, भाजपा ने 2019 के चुनावों में बाजी पलट दी और भाजपा की संघमित्रा मौर्य ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया। इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद ने 1991 में भाजपा के टिकट पर बदायूं से जीत हासिल की थी। बदायूं में सात मई को मतदान होगा और परिणाम चार जून को घोषित किए जाएंगे। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!