अजब यूपी में गजबः फर्जी अंकपत्र पर 35 साल की नौकरी, 31 को है रिटायरमेंट

Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Mar, 2024 03:46 PM

35 years of service on fake marks sheet retirement at 31

नलकूप विभाग में 35 साल की नौकरी के बाद युवक को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। युवक पर फर्जी अंक पत्र के सहारे नौकरी करने का आरोप लग रहा था जिसकी जानकारी जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी।

बहराइच: नलकूप विभाग में 35 साल की नौकरी के बाद युवक को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। युवक पर फर्जी अंक पत्र के सहारे नौकरी करने का आरोप लग रहा था जिसकी जानकारी जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी। जिसकी रिपोर्ट सामने आई तो लोगों के होश उड़ गए। वर्ष 1984 में नलकूप चालक के पद पर भर्ती हुए कर्मचारियों ने बाराबंकी और मथुरा का भी अंक पत्र दिखाया, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक और कुल सचिव ने यहां का अंक पत्र होने से इनकार कर दिया।

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31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाला है आरोपी
हुजूरपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बसंतपुर निवासी दिनेश प्रताप सिंह इस समय नलकूप विभाग में सीट पर्वेक्षक के पद पर तैनात हैं। उनके तैनाती वर्ष 1984 में नलकूप चालक के पद पर हुई थी। गांव निवासी सूर्य प्रताप सिंह ने फर्जी अंक पत्र पर नौकरी करने का आरोप लगाते हुए नलकूप विभाग के अधिशासी अभियंता से जानकारी मांगी थी। जानकारी में जुलाई 2021 को विभाग ने हाईस्कूल में दिनेश प्रताप सिंह द्वारा लगाए गए मार्कशीट की फोटो कॉपी देते हुए विद्यालय का विवरण दिया था। इस पर सूर्य प्रताप सिंह ने बाराबंकी में संचालित एसआरबी कॉलेज लखपेड़ाबाद के मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक से जानकारी ली। बाराबंकी के तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश वर्मा ने एसआरबी कॉलेज वर्ष 1982 में और वर्तमान समय में न संचालित होने की जानकारी दी गई, साथ ही अंक पत्र को फर्जी बताया। जिस पर पुनः सूर्य प्रताप सिंह ने नलकूप विभाग से जानकारी ली तो नलकूप विभाग की ओर से गुरुकुल विश्वविद्यालय मथुरा वृंदावन विद्यालय द्वारा जारी अंक पत्र दिया गया। वहां भी वर्ष 1982 में हाई स्कूल पास दिखाया गया। इस पर सूर्य प्रताप सिंह ने गुरुकुल विश्वविद्यालय मथुरा वृंदावन के कुल सचिव को पत्र भेज कर जानकारी दी गई। वहां से बताया गया कि अंक पत्र उनके विद्यालय का नहीं है। स्कूल का संचालन भी इस समय बंद चल रहा है। उस समय विश्व विद्यालय संस्था द्वारा संचालित था। ऐसे में पूरी तरह सिद्ध होता है कि दिनेश प्रताप सिंह की भर्ती फर्जी अंक पत्र पर वर्ष 1984 हुई थी। अब वह पूरी नौकरी कर 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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विभाग ने किया मिलीभगत
हुजूरपुर विकास खंड के बसंतपुर निवासी सूर्य प्रताप सिंह का कहना है कि बाराबंकी में संचालित सरब कॉलेज लखपेड़ाबाद की पहले अंकपत्र विभाग ने दी। जब यह फर्जी मिला तो विभाग ने मिलकर मथुरा में संचालित गुरुकुल विश्वविद्यालय मथुरा वृंदावन का अंकपत्र लगाया। लेकिन वह भी फर्जी निकली। ऐसे में विभाग जांच कर कार्यवाई करे। केस दर्ज करवाते रिकवरी करवाने की मांग की है।

शीर्ष पर्यवेक्षक के पद पर तैनात है आरोपी, तैनाती फर्जी पत्र के सहारे हुईः हरिओम वर्मा अधिशाषी अभियंता
इस संबंध में हरिओम वर्मा अधिशाषी अभियंता नलकूप विभाग ने कहा कि नलकूप विभाग में दिनेश प्रताप सिंह शीश पर्यवेक्षक के पद पर तैनात हैं लेकिन उनकी तैनाती फर्जी पत्र के सहारे हुई है। पूरे कागजात मिले तो वह जांच कराकर कार्रवाई करेंगे थाने में केस भी दर्ज करवाएंगे।

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