चीनी मिलों के ब्याज माफ करने पर सपा सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी रालोद

Edited By ,Updated: 06 Oct, 2016 09:08 PM

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राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार ने चीनी मिलों द्वारा किसानों को दिए जाने वाला..

लखनऊ: राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार ने चीनी मिलों द्वारा किसानों को दिए जाने वाला 1200 करोड़ का ब्याज माफ करने के निर्णय को वापस नहीं लिया तो 14 अक्टूबर के बाद विधानसभा का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में चीनी मिलों के करीब 1200 करोड़ रुपये ब्याज माफ करने का निर्णय लिया जिसे किसानों को देना था। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता आठ अक्टूबर को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेंगे। किसानों के करीब दो हजार करोड़ गन्ना बकाया भुगतान कराने की मांग के साथ किसानों को भुगतान की देरी की एवज में मिलने वाले 14 प्रतिशत ब्याज की मांग को लेकर 14 अक्टूबर को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जायेगा। 

उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल को ज्ञापन देने के बाद राज्य सरकार ने किसानों को गन्ने का ब्याज समेत भुगतान नहीं किया तो रालोद कार्यकर्ता विधानभवन का घेराव कर सड़कों पर उतर कर आन्दोलन को तेज करेंगे। उन्होंने सरकार और चीनी मिलों के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार किसान हितैषी होती तो गन्ना बकाया भुगतान पर देय 700 और 500 करोड़ यानि 1200 करोड़ ब्याज माफ नहीं करती।  

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को चीनी मिल अगर 14 दिन तक गन्ने का भुगतान नहीं करती तो उसे ब्याज किसानों देना पड़ता है। किसानों को पिछले तीन साल से समय पर गन्ने का भुगतान नहीं हुआ जिसके कारण चीनी मिलों को करीब 1200 करोड़ रुपया किसानों को ब्याज के रुप में देना था लेकिन प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के बजाय चीनी मिलों को राहत देते हुए ब्याज माफ कर दिया। सरकार के इस निर्णय को रालोद बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रदेश की सपा सरकार दोनों ही किसान विरोधी हैं और किसानों के हितों का खोखला दावा करती हैं । 

 उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह की नीतियों को लागू किए बगैर किसानों का भला होने वाला नहीं है। रालोद चौधरी चरण सिंह की नीतियों और सिद्धान्त पर चलकर किसानों के हितों की लडाई लड़ रही है। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए तीन दिन पहले बागपत में रालोद, बीएस फोर और जनता दल यूनाईटेड ने मिलकर विशाल रैली की थी जिसमें रालोद अध्यक्ष अजित सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीएसफोर के अध्यक्ष आर के चौधरी ने रालोद महासचिव जयंत चौधरी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव लगने का आह्वान किया था।  

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा और सपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया कि हाल ही में कानपुर में मेट्रों रेल के शिलान्यास के समय केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकया नायडू और प्रदेश के मुयमंत्री अखिलेश यादव के भाषण से ऐसा लगा कि भाजपा अखिलेश को मुख्यमंत्री के चेहरे के रुप में पेश कर सकती हैं क्योंकि भाजपा का यहां मुयमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं है। सपा में परिवार का कलह भी इस ओर इशारा करता है। उन्होंने कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस पर भाजपा को अधिक उत्साहित होने की जरुरत नहीं है। पाक अधिकृत कश्मीर में सेना ने जो आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया है पार्टी उसका स्वागत करती है हालांकि उस कार्रवाई पर उठे सावालों का जवाब सरकार को देना चाहिए।

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