रीता बहुगुणा के किनारा करने के बाद कांग्रेस आलाकमान पर उंगली उठना शुरू

Edited By ,Updated: 21 Oct, 2016 08:27 PM

rita bahuguna after edging the congress high command to start up finger

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कद्दावर नेता रीता बहुगुणा जोशी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद सूबे में केन्द्र के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गये हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कद्दावर नेता रीता बहुगुणा जोशी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद सूबे में केन्द्र के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गये हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा ‘कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा की अपार सफलता के बाद वरिष्ठ नेताओं का पार्टी से किनारा करना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता।’

पार्टी के एक विधायक ने कहा कि यदि हालात ऐसी ही रही तो हमें दूसरे दलों की ओर रूख करना होगा। पार्टी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके की भूमिका पर सवाल उठाते हुये उन्होंने कहा कि पीके की टीम वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं करती। वह आम कार्यकर्ता और कद्दावर नेता को एक ही तराजू में तौलती है जिससे वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के मन में आक्रोश है।  

कांग्रेसी नेता ने कहा कि पिछले 30 सालों से पार्टी के लिये समर्पित और चार बार विधायक रह चुका नेता ऐसी परिस्थितियों में सह रहा कि यदि हालात इस कदर खराब रहे तो चुनाव से पहले पार्टी के सभी विधायक पार्टी से किनारा कर नये आशियाने की तलाश कर सकता है।  विधायक ने कलाश करने को मजबूर होंगे। हम पीके की टीम के युवा सदस्यों से हर रोज बेइज्जती सहन नहीं कर सकते। वास्तव में उनको राजनीति का तनिक भी ज्ञान नहीं है। 

रीता बहुगुणा जोशी ने कल पत्रकारों से कहा था कि कांग्रेस से किनारा करने के लिये एक हद तक पीके की टीम जिम्मेदार है। उन्होंने कहा था कि समूची कांग्रेस पीके के हाथों में चली गयी है। एक अन्य पार्टी नेता ने आरोप लगाया कि पार्टी आलाकमान बड़ी चीजों का ऐलान तो कर देता है मगर उसे लागू करने में विफल रहता है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की समूची मीडिया टीम को खत्म कर देना चाहिए और राजीव शुक्ला और आरपीएन सिंह सरीखे नेताओं को मीडिया का प्रभार सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हर रोज घोषणा करते हैं कि बड़े नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस करेंगे मगर पिछले एक महीने से पार्टी के कद्दावर नेताओं की एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं हुयी। इसके अलावा वरिष्ठ नेताओं की दखलंदाजी के कारण राज्य की मीडिया टीम काम करने को लेकर उत्साहित नहीं है। इसका परिणाम है कि मीडिया और पार्टी की खबरों के बीच एक गहरी खाईं बन गयी है। नेता ने कहा कि राहुल संदेश यात्रा विभिन्न जिलों में जारी है मगर समाचार पत्रों की सुर्खियां नहीं बटोर पा रही है। मीडिया ऐसे कार्यक्रमों की बजाय पार्टी में उथल पुथल को ज्यादा तवज्जो दे रहा है।

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