ओवैसी को अखिलेश सरकार ने फिर दिया बड़ा झटका

Edited By ,Updated: 20 Oct, 2016 02:29 PM

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यूपी की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश में लगे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को प्रदेश की अखिलेश सरकार ने एक और बड़ा झटका दिया है।

आगरा(गौरव अग्रवाल): यूपी की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश में लगे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को प्रदेश की अखिलेश सरकार ने एक और बड़ा झटका दिया है। वीरवार को असदुद्दीन ओवैसी की रैली पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी। प्रशासन ने आगरा में तीसरी बार ओवैसी की रैली को परमिशन नहीं दी है। आपको बता दें कि असद्दुदीन ओवैसी की जनसभा को उनके भड़काऊ भाषण के कारण रोक दिया जाता है जिससे कि लॉ इन आर्डर की स्थिति बनी रहे। 

चुनाव के लिए पार्टी ने मांगी थी इजाजत
आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने पहले ही अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है। इसी के मद्देनजर पार्टी द्वारा आगरा में जनसभाएं और प्रचार प्रसार शुरू किया जाना है, लेकिन यहां एआईएमएआई को न तो जनसभा की अनुमति मिली और ना ही नुक्कड़ सभा करने की।

होर्डिंग्स और पोस्टर के माध्यम से अखिलेश सरकार पर निशाना
आगरा में पार्टी को जनसभाएं व चुनाव प्रचार की अनुमति न मिलने से खफा एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष ने होर्डिंग्स और पोस्टर के माध्यम से सीएम अखिलेश यादव को ललकारा है। पोस्टरों पर साफ किया गया है कि पार्टी के यूपी में आने से सत्ताधारी दल डरा हुआ है।

सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान की चेतावनी 
आपको बता दें कि एआईएमएआई के जिलाध्यक्ष अल्हाज मुहम्म्द इदरीस द्वारा शहर भर में पांच बड़े होर्डिंग्स और 10 हजार पोस्टर चस्पाए गए हैं। इन पोस्टरों पर साफ लिखा गया है कि सत्ताधारी दल को आगरा जिलाध्यक्ष का खौफ है। अपने ही शहर में जिलाध्यक्ष को जनसभा करने की इजाजत नहीं। मुहम्मद इदरीस ने कहा कि यदि इसके बाद भी सत्ताधारी दल द्वारा कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया जाता है, तो हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 

नवंबर में बिना परमिशन होगी रैली 
ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के जिला अध्यक्ष अल्हाज मुहम्म्द इदरीस अली ने बताया कि अब तक वह 15 बार पार्टी की जनसभाओं के लिए जिला प्रसाशन से परमिशन के लिए आवेदन कर चुके हैं। लेकिन किसी भी प्रार्थना पत्र पर अपने ही शहर आगरा के अंदर जनसभा व नुकड़ सभा की इजाजत नहीं दी गई और न ही उन्हें प्रार्थना पत्र के निरस्त होने की कोई लिखित सूचना दी गई। जन सूचना अधिनियम के तहत 26 जुलाई 2016 को जबाब मांगा गया। जबाव आया कि प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए अनुमति दिया जाना समाचीन प्रतीत नहीं होता। इससे ये साबित होता है कि मौजूदा सरकार को आगरा के जिला अध्यक्ष का इतना डर है कि अपने शहर और अपने ही घर में जनसभा के रोका जा रहा है। इसके साथ मोहम्मद इदरीस अली ने कहा पार्टी हाईकमान द्वारा निर्देश मिल चुके हैं। अब प्रशासन अनुमति दे या न दे, लेकिन नवंबर में आगरा में बड़ी रैली होगी। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी हरी झंडी दे दी है। इससे पूर्व पार्टी द्वारा पोस्टर और बैनर के माध्यम से जनता के बीच यह बात रखी जाएगी कि प्रशासन द्वारा उन्हें रैली के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके लिए शहर में पांच जगह बड़े होर्डिंग्स और 10 हजार पोस्टर लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले फैजाबाद के रुदौली क्षेत्र में होने वाली असदुद्दीन ओवैसी की रैली पर सरकार ने रोक लगा दी थी। प्रशासन ने सावन मेले का हवाला देकर जनसभा को स्थगित कर दिया था। 

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