दंगा विहीन राज्य, क्या यही उपलब्धि है?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 01:59 PM

yogi adityanath akhilesh mayawati bjp

पहली छमाही पूरा होने के एक दिन पहले योगी सरकार ने श्वेतपत्र जारी करते हुए अखिलेश और मायावती सरकारों को राज्य की बदहाली का जिम्मेदार बताते हुए ‘सरकारी लूट’ का बड़ा ब्योरा पेश किया।

नई दिल्ली : पहली छमाही पूरा होने के एक दिन पहले योगी सरकार ने श्वेतपत्र जारी करते हुए अखिलेश और मायावती सरकारों को राज्य की बदहाली का जिम्मेदार बताते हुए ‘सरकारी लूट’ का बड़ा ब्योरा पेश किया। योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को खेती-किसानी सीखने की सलाह दी तो जवाब में सपा प्रमुख ने कहा कि जिस तरह वह पूजा-पाठ नहीं कर सकते हैं, उसी तरह मौजूदा मुख्यमंत्री सरकार नहीं चला सकते हैं। दरअसल, मायावती और अखिलेश यादव के 5-5 साल तथा योगी आदित्यनाथ के 6 महीने के मुख्यमंत्रित्व काल में एक बात सामान्य रही है, नौकरशाही पर निर्भरता। माया और अखिलेश के नक्शेकदम पर योगी भी चले, नतीजतन गोरखपुर में बच्चों की मौत और किसानों की कर्जमाफी में चवन्नी और अठन्नी के सर्टिफिकेट जैसे वाकये पर सरकार की किरकिरी हुई। 6 महीनों में योगी सरकार पर कई मुद्दों पर विफल रहने के आरोप लगते रहे हैं।  

चौपट स्वास्थ्य सेवा 
योगी सरकार की बीते 6 महीनों में सबसे ज्यादा आलोचना जन-स्वास्थ्य के मुद्दे पर हुई है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत ने सरकार के कामकाज पर बट्टा लगा दिया। हालांकि, सरकार अब भी यही मानती है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई, लेकिन एक महीने से भी कम अंतराल में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 300 बच्चों की मौत ने सरकारी दावों को खारिज कर दिया। बच्चों की मौत का सिलसिला गोरखपुर से निकलकर फर्रुखाबाद तक जा पहुंचा। फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल में 50 बच्चों की मौत ने सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए। 

रह गए सड़कों के गड्ढे 
शुरुआती 100 दिनों में योगी सरकार ने सड़कों के गड्ढे भरने का दावा किया था, लेकिन दोगुने वक्त में भी सड़कों के गड्ढे भर नहीं पाए हैं। 100 दिन के बाद योगी सरकार की तरफ  से दलील दी गई कि भ्रष्टाचार के गड्ढे इतनी जल्दी नहीं भर सकते, और जो गड्ढे भरे भी गए थे वे उखडऩा शुरू हो गए हैं। गोमती रिवर फ्रंट दुर्दशा की मार झेल रहा है। गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था जो फिलहाल सीबीआई जांच की आंच झेल रहा है। 

कर्जमाफी पर किरकिरी 
किसानों की कर्जमाफी को भाजपा ने बड़े चुनावी मुद्दे के रूप में पेश किया था, लेकिन इसी के चलते योगी सरकार की किरकिरी शुरू हो गई। ऐसा होने का कारण था, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली का वह बयान, जिसमें उन्होंने केंद्र द्वारा किसी भी राज्य के किसानों के कर्जमाफी का बोझ उठाने से इनकार कर दिया था। दावों और विवादों के बीच योगी सरकार ने कर्जमाफी का ऐलान कर दिया, इससे 87 लाख लघु और सीमांत किसानों को फायदा मिला। जिन किसानों का कर्ज माफ  हुआ, उन्हें सॢटफिकेट भी दिया गया, जिसमें महज 9 पैसे, 18 पैसे, 20 रुपए जैसी रकम माफ  किए जाने की बात सामने आई।

(हेमंत तिवारी)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!