Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Jun, 2018 07:24 PM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की खामोशी और समाजवादी पार्टी (सपा) के महागठबंधन फार्मूले के तहत कांग्रेस के लिये दो सीट छोडऩे के ऐलान के बीच देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने का मन बनाया है...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की खामोशी और समाजवादी पार्टी (सपा) के महागठबंधन फार्मूले के तहत कांग्रेस के लिये दो सीट छोडऩे के ऐलान के बीच देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने का मन बनाया है और इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। वर्ष 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बड़े दलों का महागठबंधन बनाने की कवायद में जुटने के बाद अब कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव मैदान पर उतरने को बेकरार दिखती है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को यहां कहा कि पार्टी के ज्यादातर नेता वैसे भी समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाने को लेकर रजामंद नहीं थे हालांकि बसपा के साथ गठबंधन किया जा सकता था मगर बसपा अध्यक्ष मायावती की योजना अधिकतम सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को खड़ा रखने की थी ताकि त्रिशुंक लोकसभा के हालात में प्रधानमंत्री के तौर उनका दावा ज्यादा पुख्ता हो सके।
नेता ने कहा, ‘पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर चुनाव लडऩे का पार्टी का अनुभव तनिक कसैला रहा है। पार्टी को काफी कम सीटों पर संतोष रखना पड़ा था। हम उस गलती को फिर से दोहराना पसंद नहीं करेंगे। फिर भी पार्टी सपा के विरोध में जाना नहीं चाहेगी और ऐसा सपा को भी करना होगा ताकि देश में विपक्षी एकता को लेकर खराब संदेश न जाए।’
उन्होंने कहा, ‘पार्टी गठबंधन को लेकर गंभीर है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), पश्चिम बंगाल में अखिल भारतीय त्रिमूल कांग्रेस, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के साथ पार्टी आलाकमान की बातचीत चल रही है मगर उत्तर प्रदेश में हालात जुदा है।’
उन्होंने कहा कि सपा के साथ बातचीत की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगने के बावजूद बसपा के साथ पार्टी नेता आम सहमति बनाने के प्रयास कर रहे हैं हालांकि बसपा अध्यक्ष के रुख से फिलहाल कोई नतीजा हल होता नहीं दिख रहा है। दरअसल, मायावती देश भर में कांग्रेस से 100 सीटें मांग रही हैं जो संभव नहीं दिखता। यदि वह अपनी मांग को आधा नहीं करती हंै तो कांग्रेस चुनाव में अकेले उतरने को प्राथमिकता देगी।