दिल्ली की सड़कों पर उतरी भीम आर्मी, चंद्रशेखर की रिहाई की मांग की

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 05:22 PM

landed on delhi streets demanded the release of bhima army  chandrasekhar

भीम आर्मी के बैनर तले आज दिल्ली की सड़कों पर बड़ी संख्या में दलित युवक उतरे और उत्तर प्रदेश में हुई जातीय हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को रिहा करने की मांग की।

नई दिल्ली: भीम आर्मी के बैनर तले आज दिल्ली की सड़कों पर बड़ी संख्या में दलित युवक उतरे और उत्तर प्रदेश में हुई जातीय हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को रिहा करने की मांग की। पिछले एक महीने से कम समय में दूसरी बार इस तरह का प्रदर्शन हुआ।  करीब 2,500 (पुलिस द्वारा अनुमानित) लोगों की भीड़ के प्रदर्शन के दौरान चंद्रशेखर की मां कमलेश देवी, भाई भगत सिंह एवं कमल किशोर और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशी राम की बहन स्वर्ण कौर सहित अन्य शामिल थे। 

संसद मार्ग पुलिस स्टेशन और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद सम्मेलन केंद्र के बीच का रास्ता नीले रंग में रंग गया और Þजय भीम Þ के नारों से गूंज उठा। सुबह दस बजे से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे। कमलेश देवी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मैं अपने बेटे को रिहा किए जाने तक प्रदर्शन करूंगी, धरने पर बैठूंगी और साथ ही अनिश्चितकालीन उपवास करूंगी। हम लड़ेंगे। मुझे नरेंद्र मोदी सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार से कोई उम्मीद नहीं है, खासकर इसलिए क्योंकि योगी आदित्यनाथ के उदय के साथ ही हिंसा शुरू हुई।’

21 मई के प्रदर्शन की ही तरह आज भी एक के बाद एक वक्ताओं ने ‘सामाजिक आंदोलन’ को राजनीति से दूर रखने और बसपा जैसे राजनीतिक दलों के दलित मुद्दे का दोहन करने की बात पर जोर दिया। 21 मई के प्रदर्शन में इससे भी ज्यादा लोग जमा हुए थे।  कौर ने कहा, ‘बसपा प्रमुख मायावती ने मेरे भाई के काम पर अपना पूरा करियर बनाया। यह युवाओं के नेतृत्व में शुरू हुआ एक नया आंदोलन है। जहां भी अन्याय होगा, युवा खड़े होंगे।’

हालांकि प्रदर्शन के दौरान संगठन के सदस्यों में मतभेद दिखे जब आयोजकों ने एक सदस्य को मंच से हटाते हुए उसपर आंदोलन को ‘हाईजैक’ करने का आरोप लगाया। आयोजकों ने संघर्ष में मारे गए लोगों के लिए धनराशि भी जुटायी और लोगों को दान में दी गयी उनकी राशि के हिसाब से बोलने के लिए समय दिया गया।

भीमराव अंबेडकर द्वारा 1926 में स्थापित की गयी समता सैनिक दल के मुख्य संरक्षक उम्मेद सिंह गौतम ने कहा, ‘यह साफ है कि भीम आर्मी में अनुशासन की कमी है। लेकिन इसमें मुख्य रूप से युवा शामिल हैं और वे समय के साथ सीख जाएंगे।’ पेशे से वकील चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ठाकुरों एवं दलितों के बीच हुए संघर्ष में उनकी कथित भूमिका के लिए हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में गत आठ जून को उत्तर प्रदेश कार्य बल ने गिरफ्तार किया था। 

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