Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Jul, 2022 05:49 PM
एआईएमईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश कराए जाने को लेकर उठाए गए सवाल पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है।
यूपी डेस्कः एआईएमईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश कराए जाने को लेकर उठाए गए सवाल पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है। मौर्य ने कहा है कि ओवैसी देशद्रोही बातें करना बंद करें। यह परंपरा रही है चाहे कांवड़ यात्रा रही हो, या फिर मेला। सेवा में काम करने का सौभाग्य जिन्हें प्राप्त होता है उनके सुख का अनुभव वह स्वयं प्राप्त कर सकता है। भेदभाव पैदा करने वाली और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली भाषा बंद करें। वह केवल एक सूत्रीय एजेंडा लेकर चल रहे हैं, वोट बैंक अपना खड़ा करने के लिए।
केशव मौर्य ने कहा कि जो परंपरा देश-प्रदेश में चल रही है उसे किसी के बयान के आधार पर बदला नहीं जा सकता है। ओवैसी जिस तरह की बातें कर रहे हैं उसे कोई भी गंभीरता से लेता नहीं है। वो जब भी बोलेंगे जहर ही उगलेंगे। उनकी आदत हो गई है जबकि इस प्रकार की बातें उन्हें नहीं करनी चाहिए। अगर उन्हें ज्ञान नहीं है तो वह परंपराओं का अध्ययन कर लें। हर समय सिर्फ हिंदू-मुसलमान करते रहते हैं।
क्या कहा था ओवैसी ने?
ओवैसी ने लगातार 4 ट्वीट करते हुए कहा, 'पुलिस ने पंखुड़ियां बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से "इस्तक़बाल" किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए। @delhipolice ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं, उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।'
यह 'रेवड़ी कल्चर' नहीं है? मुसलमान, खुली जगह पर चंद मिनट के लिए के नमाज़ भी अदा करे तो “बवाल” हो जाता है। मुसलमानों को सिर्फ मुसलमान होने की वजह से पुलिस की गोलियों, हिरासती तशद्दुद, NSA, UAPA, लिंचिंग, बुल्डोज़र और तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ रहा है।
कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?
अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए।