छत्तीसगढ़ विस चुनावः नौ सीटें जहां भाजपा कभी नहीं जीती, जीतने के लिए बनाई खास रणनीति

Edited By Ajay kumar,Updated: 28 Oct, 2023 06:45 PM

chhattisgarh assembly elections nine seats where bjp has never won

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा उन नौ सीटों पर अधिक जोर लगा रही है जहां वह इस राज्य के गठन के बाद कभी नहीं जीत सकी है। छत्तीसगढ़ में सीतापुर, पाली-तानाखार, मरवाही, मोहला मानपुर, कोंटा, खरसिया, कोरबा, कोटा और जैजैपुर ऐसे विधानसभा क्षेत्र...

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा उन नौ सीटों पर अधिक जोर लगा रही है जहां वह इस राज्य के गठन के बाद कभी नहीं जीत सकी है। छत्तीसगढ़ में सीतापुर, पाली-तानाखार, मरवाही, मोहला मानपुर, कोंटा, खरसिया, कोरबा, कोटा और जैजैपुर ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 15 वर्ष तक शासन करने के बाद भी भाजपा को कभी सफलता नहीं मिली। इनमें सीतापुर, पाली-तानाखार, मरवाही, मोहला मानपुर और कोटा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट हैं, जबकि चार सामान्य वर्ग की हैं।


छग में भाजपा ने अजीत जोगी की सरकार को पराजित कर बनाई थी पहली सरकार-
वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद राज्य में 2003 में विधानसभा का पहला चुनाव हुआ था। तब भाजपा ने अजीत जोगी की सरकार को पराजित कर सरकार बनाई थी। बाद में पार्टी ने 2008 और 2013 में भी जीत हासिल की। विधानसभा के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान होगा। भाजपा को इस बार उम्मीद है कि वह इन नौ सीट को जरूर जीतेगी। पार्टी ने इनमें से छह, सीट पर नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया है।

पार्टी ने उन सीट पर उम्मीदवारों के चयन पर विशेष ध्यान दिया है जिन पर वह कभी नहीं जीतीः संतोष पांडे
भाजपा सांसद और पार्टी की चुनाव अभियान समिति के संयोजक संतोष पांडे ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा ने उन सीट पर उम्मीदवारों के चयन पर विशेष ध्यान दिया है जिन पर वह कभी नहीं जीती है। इन नौ सीट में से बस्तर क्षेत्र का नक्सल प्रभावित कोंटा क्षेत्र भी है जहां से राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा विधायक हैं। लखमा एक बार फिर कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने इस सीट से नए चेहरे सोयम मुक्का को मैदान में उतारा है।
 

कोंटा सीट पर रहता है त्रिकोणीय मुकाबला
कोंटा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस, भाजपा और सीपीआई के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होता आया है। राज्य के उत्तर क्षेत्र सरगुजा संभाग की सीतापुर सीट भी एक ऐसी सीट है जहां से भाजपा कभी नहीं जीती। भाजपा ने इस सीट से नए चेहरे राम कुमार टोप्पो (33) को मैदान में उतारा है। इसी तरह कांग्रेस सरकार में एक और मंत्री उमेश पटेल खरसिया सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां भाजपा ने नए चेहरे महेश साहू को टिकट दिया है। मरवाही, कोटा सीट भी कांग्रेस का गढ़ रही है। भाजपा ने कोटा और मरवाही सीट से चेहरे नए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और प्रणव कुमार मरपच्ची को मैदान में उतारा है। चार अन्य सीट कोरबा, पाली - तानाखार, जैजैपुर और मोहला - मानपुर पर भाजपा कभी नहीं जीती।

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