Edited By Jagdev Singh,Updated: 18 Jun, 2019 07:02 PM
झारखंड में जिला स्तरीय नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने पर फिलहाल रोक लग सकती है। राज्य सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। कार्मिक विभाग ने अध्यादेश का प्रारूप मंत्रिमंडलीय समन्वय विभाग के पास भेज दिया...
रांची: झारखंड में जिला स्तरीय नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने पर फिलहाल रोक लग सकती है। राज्य सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। कार्मिक विभाग ने अध्यादेश का प्रारूप मंत्रिमंडलीय समन्वय विभाग के पास भेज दिया है।
मंगलवार को होने वाली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है। जिलास्तरीय नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को जातियों के आंकड़े आने तक स्थगित रखा जाएगा। पिछड़े, दलित और आदिवासियों के आधिकारिक आंकड़े आने के बाद राज्य सरकार इस बारे में नीतिगत फैसला लेगी। उसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को जिला स्तरीय नियुक्तियों में आरक्षण का कोटा निर्धारित किया जाएगा।
सरकार ने कानून में संशोधन कर राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। इसी बीच अधिसूचित इलाकों में स्थानीय लोगों के लिए जिलास्तरीय नियुक्तियां सुरक्षित रखने के प्रावधान को लेकर सवाल उठे थे। कई जिलों में आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के समूहों की बड़ी संख्या और सवर्णों की कम संख्या को देखते हुए भी सरकार के पास ज्ञापन दिए गए। इस कारण सरकार ने जातियों के आधिकारिक आंकड़े आने तक जिला स्तरीय नियुक्तियों में सवर्ण आरक्षण स्थगित रखने का फैसला किया है।