Edited By prachi,Updated: 19 Nov, 2019 04:30 PM
झारखंड विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। इन चुनावों में जीत हासिल करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। एनडीए ने गठबंधन के दम पर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी लेकिन इन चुनावों में वह गठबंधन पूरी तरह से बिखर गया है। झारखंड की 81...
रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। इन चुनावों में जीत हासिल करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। एनडीए ने गठबंधन के दम पर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी लेकिन इन चुनावों में वह गठबंधन पूरी तरह से बिखर गया है। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर भाजपा अकेले चुनाव लड़ रही है।
विधानसभा चुनावों में कभी भाजपा के सहयोगी रहे नेता ही उन्हें चुनौती दे रहे हैं। भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे सरयू राय को टिकट नहीं दी जिससे नाराज सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं कई सीटों पर सहयोगी रही आजसू के प्रत्याशियों का भाजपा से सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। बिहार में एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा और जदयू ने भी अलग से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं अपनी पार्टी से बागी हुए सरयू राय को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का पूरा समर्थन भी मिल रहा है।
इन सबके बीच भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि आक्रामक प्रचार के साथ वो राजनीतिक परिस्थिति को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहेंगे। भाजपा को अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। इसको लेकर पीएम मोदी और पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की धुआंधार रैली की तैयारियां चल रही हैं। इनके अतिरिक्त पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की दी जिसमें जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रघुवर दास, योगी आदित्यनाथ, अर्जुन मुंडा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
झारखंड में भाजपा ने उम्मीदवारों का चयन भी स्थानीय मुद्दों और जातिगत समीकरण के हिसाब से किया है। इसके अतिरिक्त भाजपा विभिन्न मुद्दों को उठाकर विपक्ष को घेरने का काम भी कर रही है। अभी से सोरेन परिवार को लेकर बीजेपी ने हमला शुरु कर दिया है। भ्रष्टाचार के पुराने मुद्दों को भी उठाया जा रहा है। वहीें भाजपा इन चुनावों में जीत हासिल करने के लिए स्थिर सरकार पर भी बहुत जोर देने वाली है।