Edited By prachi,Updated: 12 Oct, 2019 03:50 PM
बिहार के रहने वाले एक आईआरएस अधिकारी पर फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया है। इस पर मामले की पूरी जांच कर सीबीआई ने अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल मूल रूप से राजेश कुमार शर्मा बिहार के पश्चिम चंपारण के...
पटनाः बिहार के रहने वाले एक आईआरएस अधिकारी पर फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया है। वहीं इस मामले की पूरी जांच कर सीबीआई ने अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दरअसल मूल रूप से राजेश कुमार शर्मा बिहार के पश्चिम चंपारण के चनपटिया थाने के तूरहापट्टी पोस्ट के गरबूहा के रहने वाले हैं। राजेश ने बेतिया जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय से वर्ष 1991 में 10वीं की परीक्षा पास की और उसके बाद 1993 में 12वीं की परीक्षा सीबीएसई बोर्ड से पास की। इसके बाद वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगा लेकिन परीक्षा में सफल नहीं हो पाया। काफी वक्त बीत जाने के कारण परीक्षा देने की उम्र खत्म होने लगी जिसके बाद उसने बड़ी चालाकी से एक उपाय खोज निकाला।
राजेश कुमार शर्मा से अपना नाम बदलकर नवनीत कुमार रख लिया। नवनीत कुमार के नाम पर उसने 1996 में 10वीं क्लास और साल 2003 में 12वीं क्लास की परीक्षा पास कर बिहार बोर्ड का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। 2008 में मुजफ्फरपुर स्थित बीआरए बिहार विवि से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। साल 2007 में उसने फिर से यूपीएससी की परीक्षा पास की और साल 2008 में आईआरएस अधिकारी बन गया।
इस सबके दौरान राजेश कुमार शर्मा ने एक चूक कर दी जिसके कारण उसकी पोल खुल गई। अधिकारी ने अपने प्रमाणपत्रों में अपना नाम तो अलग-अलग रखा लेकिन पिता का नाम और अन्य पता एक ही रख डाला। मामले का खुलासा होने पर सीबीआई को इसकी जांच सौंपी गई। सीबीआई ने मामले की पूरी जांचकर अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।