Edited By prachi,Updated: 26 Jan, 2020 02:18 PM
बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने विज्ञान एवं तकनीक के विकास का पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव के प्रति लोगों को सचेत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत...
पटनाः बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने विज्ञान एवं तकनीक के विकास का पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव के प्रति लोगों को सचेत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत कर देश को रास्ता दिखाया है।
चौहान ने 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इन दिनों जलवायु परिवर्तन सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरा है। पूर्व में पर्यावरण भी संतुलित था, नदियों का जल भी साफ था और आबादी भी कम थी। धीरे-धीरे आबादी बढ़ती गई, विज्ञान एवं तकनीक का विकास हुआ। इस विकास का हानिकारक प्रभाव पर्यावरण पर भी पड़ा है। इसका असर ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के रूप में दिखने लगा है, जिससे कहीं असमय वर्षा, कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ की समस्या, आंधी-तूफान की बढ़ती तीव्रता जैसी समस्याएं दिख रही हैं। मानूसन का पैटर्न भी बदल रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते बिहार में भी कम और अनियंत्रित वर्षापात, वर्षा में लंबा अंतराल और अचानक भारी वर्षा जैसी स्थितियां उत्पन्न रही है। बिहार के बाढ़ और सुखाड़ के हालात का सामना करना पड़ रहा है। अल्प वर्षापात के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में दक्षिणी बिहार के जिलोें के साथ-साथ उत्तरी बिहार कुछ जिलों में जलस्तर में गिरावट आई। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने 26 अक्टूबर 2019 को ‘जल-जीवन-हरियाली' अभियान की शुरुआत की। इसके तहत 24 हजार 524 करोड़ रुपए की योजनाओं का मिशन मोड में क्रियान्वयन किया जा रहा है और इसके अनुश्रवण एवं परामर्श की संस्थागत व्यवस्था की गई है।