Edited By prachi,Updated: 16 Jan, 2019 05:46 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अयोग्यता के कारण उन्हें महागठबंधन से अलग होने का फैसला लेना पड़ा। जुलाई 2017 में तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अयोग्यता के कारण उन्हें महागठबंधन से अलग होने का फैसला लेना पड़ा।
जुलाई 2017 में तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया था जिसके बाद जदयू और राजद के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर राहुल ने कोई स्टैंड नहीं लिया था। इस वजह से उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का कदम उठाया।
नीतीश कुमार ने कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से वह कभी कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यशैली के कारण महागठबंधन में उनका काम करना मुश्किल हो रहा था। सभी स्तरों पर कांग्रेस का हस्तक्षेप था। उनके लोग अपने फरमानों के साथ थाने में टेलीफोन करते थे।
2003 में राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह सरकार के उस ऑर्डिनेंस की कॉपी को मीडिया के सामने फाड़ दिया था जिसमें घोटाले के आरोपी नेताओं को बचाने की कोशिश की जा रही थी। सीएम नीतीश ने कहा कि राहुल के इस कदम की बहुत आलोचना हुई थी। इसके बावजूद जदयू ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महागठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब जदयू इसमें शामिल थी तब यह महागठबंधन था अब तो यह केवल गठबंधन रह गया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद उन्हें भाजपा का समर्थन मिला। राज्य के हित में फैसला लेते हुए उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया।