विशेष सत्रः SC-ST आरक्षण अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव का बिहार ने किया अनुमोदन

Edited By Nitika,Updated: 13 Jan, 2020 04:21 PM

bihar approves proposal to extend sc st reservation period

बिहार विधानसभा ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण की अवधि दस वर्ष और बढ़ाने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित संविधान (126वां) संशोधन विधेयक 2019 का आज सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।

पटनाः बिहार विधानसभा ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण की अवधि दस वर्ष और बढ़ाने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित संविधान (126वां) संशोधन विधेयक 2019 का आज सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।

विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने राजकीय संकल्प के जरिए प्रस्ताव किया कि यह सभा भारत के संविधान के अनुच्छेद 378 के खंड (2) के परंतुक (घ) के अधीन संसद के दोनों सदनों द्वारा यथापारित संविधान (126वां) संशोधन विधेयक-2019 का अनुसमर्थन करती है। इस पर चर्चा की शुरुआत करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान तब तक रहना चाहिए जबतक आर्थिक और सामाजिक रूप से इस वर्ग के लोग समान्य वर्ग के समकक्ष नहीं आ जाते हैं।

मोदी ने कहा कि आरक्षण के कारण ही 543 सदस्यीय लोकसभा में अनुसूचित जाति के 84 और अनुसूचित जनजाति के 43 सदस्य हैं वहीं देश भर के विधानसभाओं की 4120 सीट में से 1168 सीट पर एससी-एसटी के सदस्य हैं। इसमें अनुसूचित जाति का प्रतिनधित्व 16.3 प्रतिशत और अनुसूचित जानजाति का 8.6 प्रतिशत है। संविधान में आबादी के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान है। इसके कारण लोकसभा में एससी के लिए आरक्षित सीट की संख्या 79 से बढ़ाकर 84 और एसटी के लिए 41 से बढ़ाकर 47 कर दी गई है।

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