Edited By prachi,Updated: 08 Sep, 2018 04:03 PM
बिहार के एडीजी, मुख्यालय एके सिंघल ने शुक्रवार को बेगूसराय में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर तीन लोगों की हत्या करने के मामले में बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने इसको मॉब लिंचिंग की घटना ना बताते हुए ग्रामीणों द्वारा सेल्फ डिफेंस में उठाया कदम बताया...
पटना: बिहार के एडीजी, मुख्यालय एके सिंघल ने शुक्रवार को बेगूसराय में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर तीन लोगों की हत्या करने के मामले में बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने इसको मॉब लिंचिंग की घटना ना बताते हुए ग्रामीणों द्वारा सेल्फ डिफेंस में उठाया कदम बताया है।
एडीजी ने कहा कि हथियारों से लैस तीन अपराधी एक छात्रा के बारे में पूछते हुए स्कूल में दाखिल हुए। इस पर स्कूल के बच्चों में दहशत का माहौल फैल गया। इन दौरान शोर की आवाजें सुनकर ग्रामीण स्कूल में एकत्रित हो गए। इस दौरान अपराधियों ने डर का माहौल कायम करने के लिए हवाई फायरिंग भी की। शिक्षकों और ग्रामीणों ने छात्रा को बचाने के क्रम में अपराधियों पर हमला बोला। इसी दौरान तीन अपराधियों की मौत हो गई।
एके सिंघल का कहना है कि अगर गांव के लोग और शिक्षक ऐसा नहीं करते तो इससे भी बड़ी घटना हो सकती थी। ग्रामीणों ने द्वारा स्कूली बच्चों और अपनी रक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया इसलिए इसे मॉब लिंचिंग का मामला नहीं कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को तीन अपराधी एक छात्रा का अपहरण करने के लिए जिले के छौड़ाही थानाक्षेत्र के नारायणपीपर गांव के गोरिया धर्मशाला के पास स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में घुस गए थे। इस दौरान भीड़ द्वारा पीट-पीटकर तीनों को मौत के घाट उतार दिया गया था।