Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 07:29 PM
उत्तराखंड ने एक बार फिर देश की हिफाजत के लिए शहादत दी है। जम्मू-कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में घायल देहरादून के बड़ोवाला क्षेत्र निवासी जवान राकेश चंद्र रतूड़ी शहीद हो गए...
देहरादून/ ब्यूरो। उत्तराखंड ने एक बार फिर देश की हिफाजत के लिए शहादत दी है। जम्मू-कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में घायल देहरादून के बड़ोवाला क्षेत्र निवासी जवान राकेश चंद्र रतूड़ी शहीद हो गए। वे अपने पीछे पत्नी और पुत्र-पुत्री को बिलखता छोड़ गए हैं। शहीद की पार्थिव देह दोपहर बाद सेना के हेलीकॉप्टर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाई गई, जहां रायवाला छावनी से आए 38 रेजीमेंट के अफसरों और जवानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शाम को शहीद की पार्थिव देह जब उनके आवास पर लाई गई, तो वहां कोहराम मच गया। शहीद राकेश के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार बुधवार को हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राकेश की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनके परिजनों की हर संभव सहायता करेगी। राकेश, कर्मचारी नेता शेखरानंद रतूड़ी के भतीजे थे।
राकेश चंद्र रतूड़ी 6 महार रेजीमेंट में हवलदार पद पर तैनात थे। सुंजवां आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जम्मू-कश्मीर स्थित आर्मी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था, जहां बीती शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
44 वर्षीय राकेश की शहादत की सूचना मिलने के बाद से ही यहां शिमला बाईपास के कृष्णा विहार (बड़ोवाला) स्थित घर में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। राकेश मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के साकरसैंण गांव के निवासी थे। परिवार में उनकी पत्नी नंदा देवी, 19 वर्षीय पुत्री किरन और 18 वर्षीय पुत्र नितिन हैं।
आज दोपहर बाद शहीद राकेश की पार्थिव देह हेलीकॉप्टर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जहां 38 रेजीमेंट के जवानों ने शहीद को सलामी दी। रेजीमेंट के ब्रिगेडियर जीवीएस रेड्डी ने शहीद को श्रद्वाजंलि अर्पित की।
सेना के जवान अरमान शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर आए हैं। इसके बाद शाम को शहीद की पार्थिव देह सेना के वाहन से उनके बड़ोवाला स्थित आवास पर लाई गई। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां एकत्र हो गए और राकेश की शहादत को नमन किया। परिजनों के अनुसार, शहीद की अंतिम यात्रा बुधवार सुबह हरिद्वार के लिए निकलेगी, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद जवान के चाचा शेखरानंद रतूड़ी ने बताया कि राकेश का ट्रांसफर लद्दाख हो गया था, लेकिन अभी उनकी रेजीमेंट ने उन्हें रिलीव नहीं किया था। वह एनएसजी में कमांडो भी रह चुके थे। पिछले माह ही वे छुट्टी पर घर आए थे।