Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 04:31 PM
उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश पूर्वांचली संस्कृति से सराबोर नजर आ रही है। यहां छठ पूजा की तैयारी के लिए गंगा के तट पर पूर्वांचल के लोग जुटने शुरू हो गए है। इस व्रत को घर में सुख-सम्पनता तथा बच्चों के लिए भगवान सूर्य और छटी मैय्या की आराधना कर मनाया...
ऋषिकेशः उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश पूर्वांचली संस्कृति से सराबोर नजर आ रही है। यहां छठ पूजा की तैयारी के लिए गंगा के तट पर पूर्वांचल के लोग जुटने शुरू हो गए है।
इस व्रत को घर में सुख-सम्पनता तथा बच्चों के लिए भगवान सूर्य और छटी मैय्या की आराधना कर मनाया जाता है। जिसमें पूर्वांचली लोग रात को गंगा तट पर भजन गायन कार्यक्रम के साथ पूजा प्रारम्भ करते है और सुबह सूर्य देव की पहली किरण को अर्घ देकर पूजा का समापन करते हैं।
गंगा स्नान के साथ शुरू हुआ छठ महाव्रत, आज से 2 दिन तक चलने वाले निर्जला व्रत नहाय-खाय की परम्परा के साथ आरम्भ हुआ, पवित्र गंगा में स्नान कर व्रतियों ने खरना की विधिवत शुरुआत की, छठ का यह पर्व महिलाओं के साथ ही पुरुष भी करते है।
4 दिनों तक चलने वाले लोकआस्था के इस महापर्व में व्रती को 3 दिन का व्रत रखना होता है, जिसमें 2 दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और अन्तिम दिन सूर्य भगवान को अर्घ देकर छठ पर्व का समापन होता है।