अवैध कब्जों से घुट रहा रिस्पना-बिंदाल का दम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 02:46 PM

bindal and ripsana suffering from encroachment

एमडीडीए पिछले तीन साल से दूनवासियों को यह सपना दिखाता आ रहा है कि कभी दून की प्रमुख नदियों में गिनी जाने वाली रिस्पना और बिंदाल को पुनर्जीवित कर दिया जाएगा। ठीक उसी तरह जैसे गुजरात की प्रमुख साबरमती नदी को पुनर्जीवित किया गया है...

देहरादून/ ब्यूरो। एमडीडीए पिछले तीन साल से दूनवासियों को यह सपना दिखाता आ रहा है कि कभी दून की प्रमुख नदियों में गिनी जाने वाली रिस्पना और बिंदाल को पुनर्जीवित कर दिया जाएगा। ठीक उसी तरह जैसे गुजरात की प्रमुख साबरमती नदी को पुनर्जीवित किया गया है।

 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पिछले आठ महीने में कई बार रिस्पना और बिंदाल को पुनर्जीवित करने का संकल्प विभिन्न मंचों से दोहरा चुके हैं। लेकिन रिस्पना और बिंदाल नदी की बदतर हालत नेताओं और नौकरशाहों की गंभीरता को उजागर कर रही है।

इन दोनों नदियों को पुराना स्वरूप प्रदान करने का सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इन नदियों के पुनर्जीवन के नाम पर करोड़ों रुपये स्वीकृत करा लिए गए, लेकिन नदियों की हालत बता रही है कि पुनर्जीवन के नाम पर पैसों की फिजूलखर्ची की जा रही है। इन नदियों के किनारे हुए अवैध कब्जे को अभी तक सरकार हटा नहीं पाई है। 

रिस्पना और बिंदाल किसी दौर में दून की प्रमुख नदियों में शामिल थीं। समय के साथ इन नदियों का स्वरूप बिगड़ता चला गया। नदियों के दोनों ओर जमकर भूमाफियाओं और दबंग लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए। इससे इन नदियों की सूरत बिगड़ गई। वर्तमान में दोनों नदियां बेहद खराब स्थिति में हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रिस्पना के उद्गम स्थल से लेकर तमाम मंचों से नदी को पुनर्जीवित करने की बातें कर चुके हैं। इन नदियों के लिए करीब तीन साल पहले बनाया गया प्रोजेक्ट अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बता दें कि करीब तीन साल पहले एमडीडीए की ओर से रिस्पना और बिंदाल के लिए रिवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट तैयार किया गया था।  करीब एक सौ चालीस करोड़ की लागत से इन नदियों के पुनर्जीवित के लिए तैयार प्रोजेक्ट धीरे-धीरे दम तोड़ता नजर आ रहा है।

क्या था प्रोजेक्ट
रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत रिस्पना नदी पर हरिद्वार बाईपास पर ढाई किमी लंबे क्षेत्रफल को विकसित किया जाना था। इसके तहत नदी के दोनों ओर रिटेनिंग वॉल बनाने के साथ ही सडक़ें, पार्क, शौचालय आदि बनाकर इसे सुंदर रूप दिया जाना था। लेकिन वर्तमान में महज एक किमी क्षेत्रफल में केवल रिटनिंग वॉल बनाई जा सकी है। बिंदाल नदी पर हरिद्वार बाईपास क्षेत्र पर करीब साढ़े चार किमी लंबाई तक रिटेनिंग वॉल का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें से अभी तक महज 1.7 किमी वॉल का ही निर्माण हो सका है। 

ये है मौके की हकीकत
मौके पर दोनों नदियों पर रिटेनिंग वॉल का तो निर्माण कहने को कुछ हद तक कर दिया गया है। लेकिन इसके अलावा और कोई काम यहां नजर नहीं आता। उल्टा नदी इन स्थानों पर गंदगी से पटी पड़ी है। हाल यह है कि रिटेनिंग वॉल को सुरक्षित रखने तक के इंतजाम नहीं किए गए हैं। सौंदर्यीकरण के नाम पर अभी यहां कुछ भी नहीं किया गया है।

140 करोड़ का है प्रोजेक्ट
इस दोनों प्रोजेक्टों की लागत की रकम भी अच्छी खासी है। दोनों योजनाओं पर कुल 140 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। बताया जाता है कि अभी तक इसमें से 60 करोड़ रुपये रिटेनिंग वॉल के निर्माण पर खपा ही दिया गया है। मौके की स्थिति यह बताने के लिए पर्याप्त है कि इस तरह इस पैसे को ठिकाने लगा दिया गया है। 

साबरमती की तर्ज पर होना था विकसित
रिस्पना-बिंदाल को गुजरात की साबरमती नदी की तरह पुनर्जीवित किया जाना था। विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री काल में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का काम सुचारू रूप से करने के लिए उस समय प्रदेश के मंत्री व अफसरों की टीम ने अहमदाबाद का दौरा कर वहां हुए कार्यों का अवलोकन किया था। साबरमती भी रिस्पना और बिंदाल की तरह मृतप्राय स्थिति में पहुंच चुकी थी। वहां राज्य सरकार ने बेहतर काम करते हुए न केवल इस नदी को पुनर्जीवित किया, बल्कि इसके रिवर-फ्रंट को विश्वस्तरीय लिहाज से विकसित किया। उत्तराखंड में इसकी नकल के नाम पर केवल पैसे की बर्बादी होती नजर आ रही है।

रुका है दोनों नदियों पर काम
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को राज्य सरकार ने काम देना बंद कर रखा है। रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट पर भी यही एजेंसी काम कर रही थी। लेकिन सरकार के निर्णय के बाद यूपीआरएनएन को एमडीडीए की ओर से आगे काम नहीं दिया गया। एमडीडीए के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर संजीव जैन ने बताया कि काम को सिंचाई विभाग के स्तर पर कराया जाना है। इसके लिए शासन स्तर पर निर्णय होना बाकी है। 

क्या कहते हैं सचिव
एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का के मुताबिक, जल्द ही इस संबंध में निर्णय होने की उम्मीद है। इसके बाद दोनों नदियों पर तेजी से काम शुरू कराया जाएगा। प्राधिकरण का प्रयास सबसे पहले इन नदियों पर हो रहे कब्जों को रोकाना है। रिटेनिंग वॉल बनने के बाद इन दोनों नदियों के इर्द-गिर्द होने वाले कब्जे पर रोक लगी है। जल्दी बाकी के काम को भी पूरा कर लिया जाएगा। 
 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!