शिक्षक ने छात्रों के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण की पेश की एक नई मिसाल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 02:01 PM

a new example of the introduction of environmental protection

उत्तराखंड में यमुनाघाटी के शिक्षक पढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण का भी खास तौर पर ध्यान रखते है। नौगांव ब्लॉक के बर्निगाड इंटर कॉलेज के भूगोल विषय के अध्यापक सोवेन्द्र सिंह छात्रों को शिक्षा का ज्ञान बांटने के साथ-साथ क्षेत्रवासियों को हरियाली और...

उत्तरकाशी(आशीष मिश्रा): उत्तराखंड में यमुनाघाटी के शिक्षक पढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण का भी खास तौर पर ध्यान रखते है। नौगांव ब्लॉक के बर्निगाड इंटर कॉलेज के भूगोल विषय के अध्यापक सोवेन्द्र सिंह ने छात्रों को शिक्षा का ज्ञान बांटने के साथ-साथ क्षेत्रवासियों को हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर एक मिसाल पेश की है। 
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पढाने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने का किया काम 
जानकारी के अनुसार, सोवेन्द्र सिंह के द्वारा कई सालों पहले पौधे लगाए गए थे, जो कि आज एक जंगल का स्वरूप ले चुके है। सहायक अध्यापक के पद से शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं शुरू करने वाले सोवेन्द्र सिंह की पहली नियुक्ति उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र जखोल के स्कूल में हुई। उनका कहना है कि शिक्षण कार्य के साथ-साथ प्रकृति से उनका काफी लगाव है और उन्हें पर्यावरण को बचाने के लिए सदैव प्रेरित करता रहता है। 1996 में नौगांव विकासखंड के वरानीगाड़ राजकीय इंटर कॉलेज में नियुक्ति के बाद उन्होंने शिक्षण कार्य के बाद के समय का सदुपयोग करने की ठानी और स्कूल परिसर के बाहर बंजर पड़ी भूमि को समतल करना शुरु कर दिया। मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने छोटी रंग-बिरंगे फूलों की फुलवारी तैयार की, जो आकर्षण का केंद्र बन गई। 

पर्यटकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र 
पर्यावरण में रूचि के चलते सोवेन्द्र सिंह ने खाली समय में इस जमीन पर पौधे रोपने शुरू किए। प्रकृति के संरक्षण के इस कार्य में जागरूकता की ऐसी अलख जगी कि स्कूल के छात्रों के साथ ग्रामीण भी उनके सहयोग के लिए आ खड़े हुए। करीब 130 प्रजातियों के विभिन्न पौधे जिनमें देवदार, चीड़ सहित आड़ू, सेब, नाशपाती, अमरूद आदि फलों के पौधे आज वृक्ष का रूप ले चुके हैं और यह क्षेत्र एक हराभरा जंगल बन चुका है। क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को यह हरियाली से भरपूर यह जंगल अपनी ओर आकर्षित करता है। 
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इन कार्यों के लिए शिक्षक को मिल चुके हैं कई सम्मान 
शिक्षा के क्षेत्र के साथ पर्यावरण संरक्षण के बेहतरीन कार्य के लिए सोवेन्द्र सिंह को मई 2009 में शैलेश मटियानी सम्मान से नवाजा जा चुका है। कई राज्य स्तरीय सम्मान मिलने के साथ ही उन्हें विशिष्ट उपलब्धियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल, राज्य स्तरीय साक्षरता सम्मान भी मिल चुका है।


 

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