Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 08:39 AM
जी हां चौंकिए मत, भले ही उत्तर प्रदेश में भाजपा, बसपा, सपा और कांग्रेस में शिवपाल की दाल नहीं गल रही है लेकिन ताजनगरी आगरा के लोक निर्माण विभाग में आज भी शिवपाल के नाम पर टैंडर बिक रहे हैं और ठेकेदारों के द्वारा खरीदे जा रहे हैं। हालात यह हैं कि....
आगरा: जी हां चौंकिए मत, भले ही उत्तर प्रदेश में भाजपा, बसपा, सपा और कांग्रेस में शिवपाल की दाल नहीं गल रही है लेकिन ताजनगरी आगरा के लोक निर्माण विभाग में आज भी शिवपाल के नाम पर टैंडर बिक रहे हैं और ठेकेदारों के द्वारा खरीदे जा रहे हैं। हालात यह हैं कि आगरा के लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) में ठेकेदार इस शिवपाल को खोज रहे हैं क्योंकि विभागीय ठेकेदारों के दिल में शिवपाल के भूत का कहर बदस्तूर जारी है।
विभागीय अफसरों के मुताबिक शिवपाल सरकार में बैठे हैं जिनकी हिदायत के अनुसार ही उनके मातहत ठेका बेचते हैं और जो ठेकेदार शिवपाल को मैनेज करता है नियम और कानून को धत्ता बताकर ठेका उसी को मिल जाता है जिसमें विभागीय अफसर शिवपाल के इस आदेश को पूरा कराते हैं।
कौन है शिवपाल
वैसे तो आमतौर पर शिवपाल यानी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को कहा जाता है जोकि आजकल की राजनीति में ईधर से उधर फुटबाल बने हुए हैं। लेकिन ताजनगरी आगरा में शिवपाल एक कोड वर्ड है। जी हां पंजाब केसरी की पड़ताल में शिवपाल योगी सरकार के एक बड़े पदाधिकारी हैं जिनका नामकरण संस्कार नौकरशाही और ठेकेदारों के द्वारा किया गया है। यही वजह है कि अब शिवपाल की सत्ता सूबे की राजधानी लखनऊ से मुख्यमंत्री आवास वाली सड़क यानी कालिदास मार्ग से चल रही है और वहीं चहेते ठेकेदारों पर ठेकों की बेमौसम बरसात हो रही है। कालिदास मार्ग के इस हाऊस को नाम शिवपाल हाऊस दिया गया है ।
करोड़ों के खेल की तैयारी
आगरा लोक निर्माण विभाग में टैंडर से महरूम ठेकेदारों की मानें तो इस समय तकरीबन 100 करोड़ के टैंडर को निपटाने की तैयारी शिवपाल के गुर्गों द्वारा की जा रही है और फैवीकोल के मजबूत जोड़ की तरह कुर्सी से चिपकी नौकरशाही इन शिवपाल के गुर्गों के लिए अपने आका के आदेश पर रैड कारपेट बिछाए खड़ी है, यही वजह है कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार पर जीरो टालरैंस के ऊंचे-ऊंचे वायदों की पोल आगरा के लोक निर्माण विभाग में अब खुल रही है।
राजस्व को करोडों का नुक्सान
ईमानदारी का तमगा हासिल कर और राष्ट्रवाद का नारा लगाने वाली भाजपा सरकार में अगर आगरा के इस विभाग के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस समय 100 करोड़ के टैंडर को ठिकाने लगाने की भीतरखाने में तेजी से कवायद चल रही है और यह सारे के सारे टैंडर हाई एस्टीमेट (यानी ऊंची दरों) पर तैयार किए गए हैं और इनमें टैंडर बिल्कुल न के बराबर निम्न डाले जाएंगे। जिसके चलते सरकार को करोड़ों के राजस्व के नुक्सान की उम्मीद है।
चूंकि भ्रष्टाचार की गंगा पी.डब्ल्यू.डी. में योगी सरकार में भी ऊपर से नीचे की तरफ बह रही है, यही वजह है कि हर कोई इसमें गोते लगाने को तैयार बैठा है और ईमानदारी की आस में काम मिलने की जुगाड़ में बैठा ठेकेदार अपने पेट पर कुल्हाड़ी चलते देख योगी सरकार के इस शिवपाल को मन ही मन कोस रहा है।