Edited By ,Updated: 24 Apr, 2017 03:20 PM
हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीएम मोदी की तर्ज पर वी.आई.पी. कल्चर को ख़त्म करने का निर्णय लिया है और लाल बत्ती हटाकर....
हरदोईः हाल ही में पीएम मोदी ने वी.आई.पी. कल्चर को ख़त्म करने का निर्णय लिया है और लाल बत्ती हटाकर बेशक सांसद पीएम मोदी के इस फैसले को सम्मान दे रहे हों लेकिन अभी भी कुछ सांसद ऐसे हैं जिनके मन से वो ठाठ दिखाने की ललक नहीं जाती। ताजा मामला हरदोई से सांसद अंशुल वर्मा का है, जिन्होंने खुद ही अपनी गाडी से लाल बत्ती तो उतार दी, लेकिन इनके रसूख में कोई कमी नहीं आई। बाकायदा सांसद का काफिला क्षेत्र में चाहे भीड़ भाड़ वाला इलाका हो या शांत जगह जहां से भी गुजरा हूटर का शोर कम नहीं हुआ।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाल बत्ती न लगने की पहल के बाद बहुतों के रुतबे में कमी आ गई। अपनी हनक बनाए रखने के लिए वो तरह-तरह के रुतबे का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री की पहल को सराहा और खुद ही वीआईपी कल्चर को अलविदा कह दिया। वहीं कुछ लोगों ने मीडिया में दिखने के लिए लाल बत्ती तो हटाई, लेकिन इस कल्चर को दिल से मिटा नहीं पाए।
दरअसल हरदोई के बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा दो दिन पहले अपनी गाड़ी की लाल लाइट हटाते हुए दिखे तो अब सड़क पर लाव लश्कर के साथ पाएं-पाएं हूटर बजाकर निकल रहे हैं। बता दें एक कार्यक्रम में जाने के दौरान सांसद अपने घर से निकलते तो एक नहीं 2-2 गाड़ियों में हूटर बजाते निकले, मानो कहना चाह रहे हों कि होशियार सांसद का काफिला रस्ते से गुजर रहा है। भीड़ वाले रास्ते के अलावा खाली पड़ी रोड पर भी उनकी गाडियां सायरन बाजाती जा रही थी। इसका मतलब ये है कि हरदोई सांसद अभी मोदी के वीआई कल्चर को समझ नहीं पाए या फिर समझ के भी समझना नहीं चाहते।