कामन सिविल कोड बर्दाश्त नहीं: मुस्लिम फैडरेशन

Edited By ,Updated: 24 Apr, 2017 11:52 AM

kaman does not tolerate civil code  muslim federation

आल इंडिया मुस्लिम फैडरेशन के अध्यक्ष हाजी नसीम अहमद ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से कहा है कि....

रामपुर: आल इंडिया मुस्लिम फैडरेशन के अध्यक्ष हाजी नसीम अहमद ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से कहा है कि वह मुसलमानों के शरीयती मामलों में दखलअंदाजी बंद करके उन्हें रोजगार देने का काम करे।

अहमद ने पत्रकारों से कहा कि आजादी के बाद से मुसलमानों को किसी भी सरकार ने उनके हक को हासिल नहीं करने दिया। उन्हें वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। 20 फीसदी आरक्षण का वायदा करने के बाद भी सरकारें मुकर गई हैं। बेहतर होगा सरकार मुसलमानों के शरीयती मामलों में दखलअंदाजी करने के बजाय उन्हें रोजगार मुहैया कराए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में जबरन हस्ताक्षेप करने का है।

उन्होंने कहा कि कामन सिविल कोड लागू करना मुमकिन नहीं है और न ही देश का मुसलमान इसे बर्दाश्त करेगा लेकिन मुसलमान वक्फ बोर्ड के साथ है। उन्होंने भाषाई आधार पर बने पंजाब, तमिलनाडु व बंगाल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश को 30 जिलों में बांटकर अलग उर्दू प्रदेश बनाए जाने की वकालत भी की।

महिला उपाध्यक्ष शबाब खान बोलीं कि भाजपा बेवजह 3 तलाक का मुद्दा उछालकर महिलाओं की झूठी हमदर्द बनना चाहती है। मुस्लिम शरीयत महिलाओं को पूरी इज्जत व सम्मान देती है। कौम की तरक्की और कल्याण ही शरीयत के हर हुकुम में निहित होता है। सरकार मुस्लिम महिलाओं की इतनी ही हमदर्द है तो वह जहालियत दिखाए बगैर सरकारी नौकरियों में उनका आरक्षण तय करके दिखाए।

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