संगीत सोम के खिलाफ पार्टी गुटबाजी अपने चरम पर, लगे ये गंभीर आरोप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 04:12 PM

it is a serious allegation that party factionalism against music mon

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के बाद प्रदेश में फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ही ऐसे  भाजपा नेता है। जिनके मंच पर आते ही तालियों आवाज गुंजने...

मेरठः उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के बाद प्रदेश में फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ही ऐसे भाजपा नेता है। जिनके मंच पर आते ही तालियों आवाज गूंजने लगती है। बता दें कि प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद हुए कर्इ कार्यक्रमों में यह देखने को मिला है, जहां मौजूद सांसद, विधायकों से लेकर पार्टी पदाधिकारियों की त्यौरियां चढ़ती नजर आई हैं।

संगीत सोम के मंच पर आते ही बजती हैं तालियां 
खात बात ये है कि संगीत सोम को जब मंच पर बोलने के लिए बुलाया जाता है तो सबसे ज्यादा तालियां बजती हैं, वह बोलना शुरू करते हैं तो तालियां बजती हैं। वह मंच से अपनी बात खत्म करते हैं तो बेहद तालियां बजती हैं, वहीं दूसरी तरफ जब वहां मौजूद पार्टी के अन्य नेता बोलते हैं, लेकिन संगीत सोम की तरह दमदार नहीं, यह कहना गलत नहीं होगा कि यही कारण है कि हर कार्यक्रम का आकर्षण सरधना विधायक संगीत सोम चुरा ले जाते हैं।

संगीत सोम पर लगाए गए आरोप
इसके कारण भाजपा के फायर ब्रांड विधायक के पार्टी के अंदर ही कर्इ दुश्मन बन गए हैं। यही वजह है कि जिस कार्यक्रम में संगीत सोम पहुंच जाएं, वहां भाजपा नेता जाना पसंद नहीं करते, क्योंकि सरधना विधायक का कद खुद-ब-खुद बढ़ जाता है। पार्टी गुटबाजी अपने चरम पर है। संगीत सोम पर पार्टी विरोधी गतिविधियों तक के आरोप लगे, जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में उन पर पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ साजिश रचने समेत तमाम आरोपों वाला पत्र जिलाध्यक्ष शिव कुमार राणा ने लखनऊ में उच्च पार्टी पदाधिकारियों को भेजा था। इस बात को 120 दिन हो गए हैं, लेकिन पार्टी हार्इकमान की आेर से इस पत्र पर कार्रवार्इ तो क्या, चर्चा तक नहीं की गई है।

डिप्टी सीएम ने लगाएं पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप
जिला पंचायत अध्यक्ष का उपचुनाव होने के बाद 13 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष ने लखनऊ पत्र भेजा था, इसमें डिप्टी सीएम व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य से शिकायत कर सरधना विधायक संगीत सोम पर बगावत आैर पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने सरधना विधायक पर जिला पंचायत अध्यक्ष उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कुलविंदर को हराने की साजिश, पार्टी विरोधी गठबंधन बनाने, लोकदल की नेता को चुनाव लड़ाने, अन्य पार्टियों के नेताआें के साथ गठबंधन बनाने, उप चुनाव में हस्तिनापुर विधायक के भार्इ का अपहरण करवाने समेत कर्इ आरोप लगाते हुए कार्रवार्इ की मांग की थी।

कोई भी भाजपा नेता उनके बचाव के लिए नहीं आया आगे
बता दें इस पत्र के भेजे जाने के बाद से संगीत सोम एक आेर आैर बाकी भाजपा नेता एक तरफ चल रहे हैं। साफतौर पर इनमें तनातनी दिख रही है, जब इन सभी को 2 कार्यक्रमों में एक मंच पर बुलाया गया। विक्टोरिया पार्क मैदान में किसाना ऋण मोचन आैर निकाय चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली में संगीत सोम ने अपने साथ मंच पर बैठे सांसद राजेंद्र अग्रवाल, 5 विधायकों, जिलाध्यक्ष शिव कुमार राणा समेत तमाम भाजपा नेताआें का नाम लिए बगैर 'मंच पर यहां से वहां तक बैठे अतिथियाें का स्वागत है' जैसी अपनी बातों से मंच पर खूब ताली बजवार्इं। यही वजह रही कि जब संगीत सोम के ताजमहल, बाबर, आैरंगजेब पर विवादित बयान पर उनके बचाव में इस गुट का काेर्इ नेता सरधना विधायक के बचाव में खड़ा नहीं हुआ।

संगीत सोम पर नहीं होगी कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि स्थानीय दिग्गज नेताआें ने पत्र में लगाए गए आराेपों पर कार्रवार्इ करवाने के सारे जतन किए, लेकिन सरधना विधायक पर हार्इकमान की टेढ़ी नजर बिल्कुल नहीं हुर्इ। दरअसल, हार्इकमान की नजर में संगीत सोम की जो अहमियत है, वह कार्रवार्इ करने के आड़े आ रही है। संगीत सोम पर कोर्इ कार्रवार्इ करके वह वेस्ट यूपी में पार्टी में कोर्इ बवंडर नहीं चाहते। इसलिए इस पत्र को लगभग दरकिनार कर दिया गया है। जिलाध्यक्ष शिव कुमार राणा का कहना है कि जनपद में पार्टी आैर नेता क्या कर रहे हैं, यह प्रदेश शीर्ष नेताआें को बताना मेरा दायित्व है। यह उन पर निर्भर है कि वे कार्रवार्इ करें या न करें।

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